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कर्ज और धमकियों से परेशान सीमेंट व्यापारी ने रची थी अपनी मौत की साजिश, बेटी यूं ही हो गई शिकार

सात दिन बाद सनसनीखेज वारदात और दोहरे मर्डर का खुलासा, पुलिस पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से हत्या के संदेही के लेकर रवाना  

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सागर

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Sanjay Sharma

Jul 24, 2019

cement trader has created a conspiracy to killing in sagar

cement trader has created a conspiracy to killing in sagar

सागर. सीमेंट व्यापारी और उसकी बेटी की संदिग्ध मौत के सनसनीखेज मामले से पुलिस ने मंगलवार को पर्दा उठा दिया। व्यापारी ने अपने पहचान के बंगाली युवक की मदद लेकर अपनी मौत का षडय़ंत्र रचा था जिसका शिकार उसकी बेटी भी हो गई। सीमेंट व्यापारी ने बंगाली युवक को कर्ज लेकर एक लाख रुपए देकर दो पिस्टल खरीदी थीं। एक पिस्टल से उसने खुद को गोली मारी जबकि दूसरी से बिहारी ने बेटी को मौत के घाट उतारा और सागर से फरार हो गया। करोड़ों के रुपए के कर्ज और बीमा के लिए रची गई सीमेंट व्यापारी की साजिश इतनी उलझन भरी थी कि उसे सुलझाने में पुलिस पांच दिन तक चकरघिन्नी बनी रही। साजिश में शामिल युवक को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से हिरासत में लेने के बाद पुलिस टीम उसे लेकर मंगलवार शाम को सागर रवाना हो गई है।

अपनी हत्या की साजिश रचने का इकलौता मामला -

सीमेंट व्यापारी ब्रजेश उर्फ अजय चौरसिया और उसकी बेटी महिमा का शव 16 जुलाई की रात पथरिया जाट के पास सुनसान सड़क पर कार में मिला था। जबकि पीछे की सीट पर उसकी पत्नी राधा बेहोश हालत में थीं। आधी रात को सिविल लाइन थाने का गश्ती दल पहुंचा और कार में खून से सने पिता-पुत्री के शव मिलने की सूचना अधिकारियों को देकर पड़ताल शुरू की। इस वारदात के बाद अगले दिन शहर में सनसनी फैल गई थी। कार में शव मिलने के समय की परिस्थितियां इतनी विरोधाभासी थीं कि पुलिस की जांच भी बार-बार अटक रही थी। इस बीच किसी ने बाहरी युवक को ब्रजेश के तिली रोड स्थित घर पर रुकने और वारदात की शाम से गायब होने की खबर दी तो कहानी पटरी पर आ गई। ब्रजेश के मोबाइल सैट में युवक ने अपनी सिम डाल रखी थी और इसी के सहारे पुलिस को उसकी लोकेशन मिलती रही और अंत में वह दुर्गापुर में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। लेकिन जब उसने व्यापारी ब्रजेश द्वारा रची अपनी आत्महत्या को हत्या बताने और बेटी की जान लेने की साजिश का खुलासा किया तो पुलिस भी सन्न रह गई। इसे सागर जिले में रची गई हत्या-आत्महत्या की सबसे गहरी साजिश वाला इकलौता मामला बताया जा रहा है।

फोरेंसिक साइंस ने खोलीं साजिश की परतें -

एसपी अमित सांघी के अनुसार वारदात के बाद घटना स्थल पर वे रात करीब 2 बजे पहुंच गए थे। महिला बेसुध हालत में थी और कार की ड्राइवर सीट पर ब्रजेश जबकि पास वाली सीट पर बेटी महिमा का शव था। ब्रजेश की दाईं कनपटी पर कान के पास गोली का सुराख था जबकि महिला को कार के बाहर से गोली मारी गई जो कि उसकी कनपटी के बाएं हिस्से से धंसकर दाईं आंख के ऊपर से निकलकर कार में गिर गई थी। पुलिस ने जब कार में मिली कोल्डड्रिंक बॉटल, मृतक की पत्नी राधा के ब्लड सेंपल, दोनों शव में मिले पिस्टल के कारतूस और मृतक ब्रजेश की हथेली के स्वाब से गन पावडर टेस्ट कराया तो वारदात की तस्वीर काफी साफ हो गई। ब्रजेश और उसकी बेटी महिमा को अलग-अलग पिस्टल से गोली मारी गई थी। उसकी पत्नी राधा के ब्लड सेंपल और कोल्डड्रिंक में नींद की दवा (अल्प्राजोलम) पाई गई।

सूदखोरों पर शिकंजा, ब्रजेश को सताने वालों पर केस -

ब्रजेश उर्फ अजय चौरसिया तिली रोड पर सीमेंट की एजेंसी का संचालन करता था। उसने कुछ समय पहले राजघाट रोड पर सीमेंट ब्रिस्क की फैक्ट्री शुरू की लेकिन घाटा लग गया। इस दौरान ब्रजेश ने बैंक के अलावा शहर के कुछ साहूकारों से कर्ज लिया और फिर उनके मकडज़ाल में ऐसा फंसा की संपत्ति बेंचने के बाद भी जान देनी पड़ी। ब्रजेश ने अपने मामा मुन्नालाल चौरसिया को भेजे सात पेज के पत्र में अपनी परेशानियों को खोलकर बताया था। उसने साहूकार, ठेकेदार, इंजीनियर और पार्टनर द्वारा रुपए को लेकर मानसिक रूप से प्रताडि़त कर जान से मारने की धमकी देने की बात भी चि_ी में लिखी थी। पुलिस के हाथ आई इसी चि_ी ने सबसे पहले साजिश की जांच को दिशा दी थी। एसपी अमित सांघी ने बताया कि किसी को इतना प्रताडि़त करना की वो अपनी जान दे दे यह अमानवीय है। मृतक ब्रजेश की चि_ी में जिन पर प्रताडऩा धमकाने के आरोप हैं उन्हें भी अलग-अलग धाराओं में आरोपी बनाया गया है।

ये कर रहे थे प्रताडि़त -

सोहन केशरवानी, साहूकार
श्यामसुंदर सोनी, सराफा व्यापारी व साहूकार

मनोज यादव, प्रॉपर्टी कारोबारी
राजेश मिश्रा, इंजीनियर

गौरव भारद्वाज, पूर्व पार्टनर ग्वालियर
अनिल शुक्ला,

सुरेन्द्र साहू, प्रॉपर्टी कारोबारी

एक दिन पहले खेत में की रिहर्सल -

बंगाल पहुंची पुलिस के हत्थे चढ़े साजिश में ब्रजेश चौरसिया का मददगार रंजन राय ने पुलिस को जो कहानी सुनाई उसे सुनकर टीम में शामिल पुलिसकर्मियों के भी रौंगटे खड़े हो गए। रंजन ने बताया कि वह कुछ साल पहले सागर आया था। बीएमसी में ठेकेदारी करने वाले दीपक चतुर्वेदी से पहचान होने के कारण उसने काम पर लगवाया और पगारा रोड निवासी निशांत जैन के घर रुकने की व्यवस्था कर दी। यहीं दीपक के गुरुभाई ब्रजेश चौरसिया से पहचान हुई। कुछ दिन पहले सागर आने पर ब्रजेश ने उसे एक लाख रुपए देकर दो पिस्टल मंगाई और फिर उसी ने साजिश रची। 16 जुलाई से दो दिन पहले रंजन राय सागर आया तो ब्रजेश ने उसे अपने ही मार्केट के ऊपरी हिस्से में ठहराया। 15 जुलाई को ब्रजेश उसे लेकर खेत पर पहुंचा और वहां मौजूद कर्मचारियों को घर भेज दिया। खेत में ब्रजेश और उसने साजिश की रिहर्सल की थी।

इन सवालों के जवाब अब भी बाकी -

1. ब्रजेश ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की साजिश रची थी फिर अपनी ही होनहार बेटी की हत्या क्यों कराई ?
2. दो-ढाई महीने पहले बैंक का करीब 70 लाख का कर्ज चुकाया था, प्रॉपर्टी भी है फिर आत्महत्या की क्या जरूरत थी ?

3. अपनी आत्महत्या को हत्या बताने की साजिश रची थी फिर साथ में कार में पत्नी-बेटी को बैठाकर क्यों ले गया ?
4. ब्रजेश ने स्वयं का 45 लाख रुपए, पत्नी का 70 लाख रुपए और बेटी का 15 लाख का बीमा कराया फिर केवल खुद आत्महत्या कर बेटी को क्यों मरवाया ?

5. यदि साजिश ही रची थी तो अपने कर्ज और वसूली का हिसाब 16 जुलाई को अपने कर्मचारी के हाथ से मामा तक क्यों पहुंचाया ?