
सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में चिलर प्लांट खराब हो जाने से संवेदनशील वार्डों की कूलिंग व्यवस्था चौपट हो गई है। सबसे ज्यादा दिक्कतें बच्चों व मेडिसिन विभाग के आइसीयू वार्ड, 9 ऑपरेशन थियेटर सहित बर्न वार्ड में मरीजों को हो रहीं हैं। बर्न वार्ड में ठंडक बनाने के लिए प्रबंधन ने कूलर लगाए हैं, लेकिन इससे मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। बिना कूलिंग डॉक्टर्स भी ओटी में ऑपरेशन करने से बच रहे हैं। चिलर प्लांट बंद होने का प्रमुख कारण मशीनों की मरम्मत व देखरेख उचित न होना बताया जा रहा है। चिलर प्लांट के संचालन व रखरखाव के लिए प्रबंधन ने 1.70 करोड़ रुपए में एक फर्म को टेंडर के जरिए पिछले वर्ष ही कार्य सौंपा था।
सेंट्रल एसी बंद होने जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए बर्न वार्ड में 8 एसी लगे हैं, जो बंद पड़े हैं। एक एसी चालू है जो नाम मात्र का चल रहा है, सभी केबिन में कूलर की व्यवस्था की गई है। विशेषज्ञों की मानें तो बर्न वार्ड में कूलर से संक्रमण का खतरा तो रहता ही है इसके अलावा घाव भरने में देरी होती है, इलाज पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है।
चिलर प्लांट से पाइप के माध्यम से जाने वाली ठंडी व संक्रमण मुक्त हवा से ऑपरेशन थियेटर, बच्चों के पीआइसीयू, आइसीयू, मेडिसिन आइसीयू, सोनोग्राफी-एक्स-रे कक्ष सहित अन्य वार्डों में ठंडक रहती है, कूलिंग न होने पर मशीनें खराब होने या हादसों का अंदेशा बन गया है। यहां वैकल्पिक व्यवस्था के लिए एसी भी लगे हैं, लेकिन 50 से अधिक एसी खराब हैं। ओटी में डॉक्टर पसीना-पसीना हो जाते हैं, जिससे यहां भी संक्रमण का खतरा बन गया है।
बीएमसी का सेंट्रल एसी पिछले 5 साल से बदहाल पड़ा था। विगत वर्ष 1 करोड़ 70 लाख रुपए में इसके टेंडर हुए थे। प्लांट में लगीं बड़ी-बड़ी तीनों मशीनें एक साथ जवाब दे गईं हैं और मरम्मत की आवश्यकता है। कहा जा रहा है कि प्रबंधन ने फर्म को पैसे नहीं दिए तो ठेकेदार ने कार्य ही नहीं कराया, जिससे स्थिति बिगड़ गई। हालांकि बीएमसी प्रबंधन अब इंजीनियर को बुलाकर प्लांट चालू करवाने की बात कह रहा है।
-चिलर प्लांट का कार्य देख रही फर्म के इंजीनियर ने जल्द ही प्लांट चालू करने का आश्वासन दिया है, गाइडलाइन अनुसार बर्न वार्ड में हम कूलर नहीं चला सकते लेकिन एसी खराब होने के कारण कूलर की वैकल्पिक व्यवस्था की है।
Published on:
13 Apr 2025 11:58 am
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