कोरेक्स-आयोडेक्स हुई पुरानी बात, अब इन दवाओं से लोग कर रहे नशा
मेडिकल स्टोर मालिक भी पर्चे के बगैर ऐसी दवाओं को धड़ल्ले से बेच रहे हैं। तहकीकात में यह भी सामने आया कि नशेबाजों ने मेडिकल स्टोर तय कर रखे हैं। रोजाना नशे की खुराक हासिल करते हैं और दुकानदार भी मुनाफे के चक्कर में पड़े हैं।
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सागर.कफ सिरप कोरेक्स पर पाबंदी कारण इसे कुछ नौजवानों ने नशे की खुराक बना लिया था। नशे की खुराक के लिए कुछ लोग ब्रेड पर बाम भी लगाकर खाते हैं। अब यह खुराक मिलना मुश्किल हुई तो नशेबाजों ने विकल्प तलाश लिए। पत्रिका पड़ताल में सामने आया कि मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध ट्रॉमडोल, अल्ट्रासेट पेनकिलर और फेंसीडिल, कोडीस्टार जैसे कफ सिरप नशेबाजी के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं।
मेडिकल स्टोर मालिक भी पर्चे के बगैर ऐसी दवाओं को धड़ल्ले से बेच रहे हैं। तहकीकात में यह भी सामने आया कि नशेबाजों ने मेडिकल स्टोर तय कर रखे हैं। रोजाना नशे की खुराक हासिल करते हैं और दुकानदार भी मुनाफे के चक्कर में पड़े हैं।
जगह-जगह बिकती है नशे की खुराक
वैसे तो यह दवाएं आसानी से किसी भी दुकान पर उपलब्ध हैं, लेकिन रोज एक ही दवा लेने से दुकानदारों को शक हो सकता है। नशेडियों ने दुकाने भी तय कर रखी हैं। सागर में तीली, बीएमसी हॉस्पिटल के आस-पास के मेडिकल स्टोर, भी मुनाफे के चक्कर में इन दवाओं को बेचते हैं। वहीं आसपास के क्षेत्र में भी यह दवाएं आसानी से उपलब्ध हैं।
इन दवाओं से मानसिक शांति का अनुभव होता है, लेकिन लगातार उपयोग से इसके आदि हो जाते हैं बाद में गंभीर परिणाम होने लगते हैं।