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business tycoon कुमार मंगलम बिड़ला के cricketer बेटे ने कहा- बिजनेस की बात जब होगी तब होगी, अभी तो क्रिकेट मेरा passion

पत्रिका से विशेष चर्चा के दौरान आर्यमन विक्रम बिड़ला ने सुनाए क्रिकेट के प्रति दीवानगी के किस्से

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सागर

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Sanjay Sharma

Nov 14, 2017

aryaman vikram birla interview

cricketer aryaman vikram birla interview

सागर. देश में बिड़ला घराने का नाम उद्योग के लिए जाना जाता है। कुमार मंगलम बिड़ला ख्यात उद्योगपतियों में शुमार हैं, पर उनके बेटे आर्यमन विक्रम बिड़ला क्रिकेटर हैं। वे किसे देख इस राह पर चल पड़े, यह खुद उन्हें नहीं मालूम। पत्रिका ने उनसे विशेष बातचीत की तो कुछ रोचक पहलू सामने आए।

सीखी क्रिकेट की बारीकियां
बकौल आर्यमन- "याद तो नहीं है कि किसे देखकर क्रिकेट से लगाव हुआ। हां, इतना पता है मैं आठ वर्ष की उम्र से ही क्रिकेट खेलने जाने लगा था। इंडिया में क्रिकेट किसी धर्म के समान माना जाता है, मुंबई में मैदान क्रिकेट का बहुत चलन है, मैंने भी वहां क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। कोचिंग भी ली और तीन वर्ष से मप्र की ओर से खेलने का मौका मिल रहा है तो बहुत अच्छा लगता है।" सागर के एमपीसीए मैदान पर रविवार को कर्नल सीके नायडू अंडर-२३ टूर्नामेंट में आर्यमन ने 230 रन का स्कोर बनाया। यह उनके कॅरियर का पहला दोहरा शतक है। वे कहते हैं इसलिए अब सागर और इस मैदान का मेरे जीवन में अहम स्थान बन गया है। २० वर्षीय आर्यमन मप्र की ओर से कर्नल सीके नायडू टूर्नामेंट में में बल्लेबाजी कर रहे हैं।

पूरा ध्यान और समय क्रिकेट को
आर्यमन मिलनसार स्वभाव के हैं, लेकिन बिजनेस की बात आते ही थोड़ा झिझक जाते हैं। चर्चा में उन्होंने बताया परिवार ने शुरुआत से ही उन्हें क्रिकेट से दूर नहीं किया, वे बिजनेस के बारे में नहीं सोचते। बिजनेस की बात जब होगी तब होगी। उनके अनुसार अभी यही सही होगा कि वे पूरा ध्यान और समय क्रिकेट को दें। फिलहाल क्रिकेट ही पैशन है।

जिनके साथ खेलता हूं, उन्हीं को देखकर सीखता हूं
सागर में क्रिकेट के प्रति रुचि और मैदान पर आर्यमन ने कहा पूरे देश के साथ ही मप्र में भी क्रिकेट सबसे ज्यादा खेला जाता है। यहां भी लोगों में खासी रुचि है। तीन साल पहले अंडर-19 टूर्नामेंट के लिए सागर की पिच पर खेल चुका हूं। क्रिकेट मेरा पैशन है। मैंने अब तक क्रिकेट में किसी को अपना आदर्श नहीं बनाया। मैं जिन लोगों के साथ खेलता हूं उन्हीं को देखकर सीखता हूं। मैं बस क्रिकेट खेलना चाहता हूं। अब तक एमपी की अंडर-19, अंडर 23, और रणजी के वन डे स्टैंड बाय में खेल चुका हूं। मप्र में भी क्रिकेट के लिए अच्छे मैदान हैं, सागर का मैदान और यहां की सुविधाएं भी बेहतर हैं। बल्लेबाजी में सागर की पिच पर मेरा सबसे अच्छा स्कोर है। रीवा में उप्र की टीम के खिलाफ मैंने पांच विकेट लिए थे। यह गेंदबाजी में मेरा अब तक का सबसे अच्छा रिकार्ड है।