
सागर. आखिरकार जैन मंदिरों को निशाना बनाने वाला शातिर बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। पुलिस ने उसे शाहपुर से गिरफ्तार किया है। वह श्रद्धालु बनकर मंदिर में जाता था। फिर वहां के सुरक्षा इंतजाम और दानपेटी की रेकी कर रात में ताले तोड़कर दानराशि उड़ा ले जाता था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने सागर के छह जैन मंदिरों के साथ ही विदिशा, रायसेन और नरसिंहपुर जिलों में भी वारदात करना कबूल किया है।
पुलिस ने उसके पास से 25,810 रुपए बरामद कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। लगातार वारदातों के चलते उसकी गिरफ्तारी पर २५ हजार रुपए की घोषणा की गई थी। वह चार साल में सागर और आसपास के जिलों के कई जैन मंदिरों में चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है।
एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल के अनुसार आरोपी नीलेश ने पूछताछ में बताया कि वह दानपेटी में अधिक राशि होने के अनुमान पर जैन मंदिरों को निशाना बनाता था। उसका मानना था कि जैन समाज के लोग मंदिर में अधिक दान करते हैं और दानपेटी को भी निर्धारित अवधि में ही खोला जाता है। वह मंदिर का चयन करने के बाद जैन श्रद्धालु बन पूजा के बहाने मंदिर की रेकी करता और रात में कटौनी से मंदिर व दानपेटी के ताले तोड़कर रुपए चुरा लेता था।
चोरी की वारदातों को अंजाम देकर खलबली मचाने वाले नीलेश राजपूत ने राहतगढ़ व मसुरहाई जैन मंदिर की चोरी कबूल नहीं की है। एएसपी पंकज पांडेय व पीएल कुर्वे ने बताया नीलेश के खिलाफ दर्ज मामलों में एक में भी प्रतिमा चोरी का केस नहीं है। इसे देखते हुए इन स्थानों पर दूसरे गिरोह द्वारा वारदात को अंजाम देने की शंका है।
जैन मंदिरों में हो रही चोरी की वारदात से परेशान पुलिस ने आसपास के जिलों की पुलिस से संपर्क कर मंदिरों में चोरी की वारदात के समय सीसीटीवी कैमरों के फुटेज मांगे। उनमें चेहरा वही था जो सागर, देवरी के जैन मंदिर के फुटेज में नजर आ रहा था। वही युवक नरसिंहपुर जिले के करेली और विदिशा जिले के गंजबासौदा व सिरोंज के जैन मंदिर की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग में कैद था। पुलिस ने पुराने बदमाशों को फुटेज दिखाए तो आरोपी जैसीनगर के ओरिया का नीलेश राजपूत निकला।
नीलेश राजपूत को गत वर्ष रायसेन जिले के बेगमगंज में जैन मंदिर की चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस को बताई गई उसकी बातों पर यकीन करें तो वह दानपेटी में मिली राशि का दसवां हिस्सा दान करता है या जरूरतमंद को दे देता है। सोने या अष्टधातु की प्रतिमा न चुराने के सवाल पर उसका कहना था प्रतिमा बेचने पर उसे गला दिया जाता है, एेसा करना पाप का भागी बनाता है। नीलेश को कुछ समय पहले ही दमोह पुलिस ने जैन मंदिरों में चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। वह ३१ जून से १८ जुलाई के बीच जिला जेल दमोह में बंद रहा था।
आरोपी को पुलिस ने शाहपुर से हिरासत में लिया था। नीलेश यहां अपने उस दोस्त से मिलने आया था जो उसके साथ दमोह जेल में बंद था। आरोपी जैन मंदिरों में अकेले ही जाकर चोरी करता था। उसके साथी प्रकाश शिकार, सुरेन्द्र महाराज और संतोष शर्मा वारदात के समय उसके संपर्क में रहते थे। वे उसे वारदात स्थल के पास छोडऩे और लेने जाते और पकड़े जाने पर जमानत का इंतजाम भी करते थे।
Published on:
10 Aug 2017 03:01 pm
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