
Digital Locker
सागर. वह जमाना गया जब महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट की फाइल साथ लेकर चलना होता था। अब ऐसा नहीं है। जुलाई 2015 में लागू हुआ डिजिटल लॉकर या डिजिलॉकर के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। यही वजह है कि देशभर के एक करोड़ 92 लाख 10 हजार 384 लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। मार्च 2018 में रजिस्टर्ड यूजर की संख्या 1 करोड़ 15 लाख 27 हजार 802 थी। मतलब दस महीने में 76 लाख 82 हजार 582 की बढ़ोतरी। ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2 करोड़ 36 लाख 64 हजार 767 डॉक्यूमेंट अपलोड हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या आधार कार्ड की है। हालांकि 1 करोड़ 53 लाख 46 हजार 342 डॉक्यूमेंट ऐसे भी हैं, जो डिफाइन नहीं हैं।
प्रदेशों की बात करें तो महाराष्ट्र के लोग सबसे ज्यादा इस वर्चुअल लॉकर का उपयोग कर रहे हैं। इसके बाद क्रमश: उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक का नंबर आता है। मध्य प्रदेश 13वें नंबर पर है। यहां के 24 लाख से ज्यादा लोग इसका उपयोग कर रहे हैं। मप्र में इंदौरी पहले पायदान पर हैं। डिजिलॉकर में 27 हजार 723 यूजर रजिस्टर्ड हैं। सागर संभाग में सागर पहले पायदान पर है। 7 हजार 443 लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है।
ऐसे भी डॉक्यूमेंट किए सेव
कई लोगों ने ऐसे भी डॉक्टयूमेंट सेव किए हैं, जो चौंकाते हैं। इनमें मनरेगा जॉब कार्ड, गांव का नक्शा, पंचनामा, नकल जमाबंदी, सॉइल टेस्टिंग कार्ड, शजरा नसाब की कॉपी आदि शामिल हैं। इसके अलावा छोटे और सीमांत किसान सर्टिफिकेट, क्रॉप सीड डिस्ट्रीब्यूशन सर्टिफिकेट, टेलीफोन बिल, किराये की रसीद, स्मॉल और न्यूक्लियर फैमिली सर्टिफिकेट, बिजली कनेक्शन के लिए एनओसी, पानी का बिल जैसे डॉक्यूमेंट भी लागों ने सेव कर रखे हैं।
रजिस्ट्रेशन में टॉप फाइव जिले
इंदौर- 27,723
भोपाल- 21,708
ग्वालियर- 13,157
जबलपुर- 12,923
रीवा- 8,276
सागर संभाग के जिले
सागर- 7443
छतरपुर- 4156
दमोह- 3161
टीकमगढ़- 2754
पन्ना- 1877
जानिए क्या है डिजिटल लॉकर
यह एक तरह का वर्चुअल लॉकर है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2015 में डिजिटल इंडिया अभियान के तहत लॉन्च किया था। डिजीलॉकर में रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है। इसमें देश का कोई भी नागरिक आधार, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, वाहन के कागजात, ड्राइविंग लाइसेंस आदि के साथ कोई भी सरकारी प्रमाण-पत्र स्टोर कर सकता है।
देश में रजिस्ट्रेशन कराने वाले यूजर
14,34,872- 21 से 30 वर्ष की उम्र वाले
9,82,514- 31 से 40 वर्ष की उम्र वाले
19,309- 10 साल से कम उम्र वाले
यह फायदा
इस वर्चुअल स्टोर में डॉक्टयूमेंट सेव करने के बाद आपको डॉक्यूमेंट साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। जहां भी डॉक्यूमेंट सब्मिट करना हो, तो वहां आप इसका उपयोग कर सकते हैं। स्मार्टफोन, लैपटॉप के जरिए इन्हें कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है। डिजिलॉकर में फोल्डर बनाने की भी सुविधा है। मतलब आप अलग-अलग फोल्डर बनाकर डॉक्यूमेंट स्कैन कर या फोटो लेकर उन्हें श्रेणी के हिसाब से भी सेव कर सकते हैं। यदि कभी कोई डॉक्यूमेंट साथ लेना भूल जाते हैं और वह डिजिलॉकर में है तो तुरंत उसकी कॉपी निकालकर संबंधित को दे सकते हैं। सरकारी दफ्तरों में हार्ड कॉपी के बजाय सॉफ्ट कॉपी शेयर कर सकते हैं।
3 अरब 48 करोड़ 79 लाख 58 हजार 139 डॉक्यूमेंट सर्च किए गए या उपलब्ध कराए जा चुके हैं अब तक।
digilocker ऐप को 50 लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं।
यह भी जानें
केंद्र ने डिजिटल या डिजिलॉकर को मान्यता देते हुए परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया कि वेरिफिकेशन के लिए असली दस्तावेज देखने के लिए जोर न डालें यदि कोई डिजिलॉकर के माध्यम से दस्तावेज दिखाता है। ऐप पर मौजूद दस्तावेज की ई-कॉपी को वैध माना जाएगा।
Published on:
03 Feb 2019 10:30 am
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