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लगातार बारिश से गलने लगीं फसलें, झड़ रहा फूल, किसान कर रहे मौसम साफ होने का इंतजार

औसत से ज्यादा हो चुकी है इस वर्ष बारिश, खेतों में भरा है पानी, आठ दिन से नहीं हुआ मौसम साफ

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Crops started rotting due to continuous rain, flowers were falling

ज्यादा बारिश से पीली पड़ी उड़द

बीना. जुलाई माह से शुरू हुआ बारिश का दौर लगातार जारी है और खरीफ की जो फसल पहले अच्छी थी वह अब खराब होने लगी है। फसल में फूल आने का समय है, लेकिन बारिश से खराब हो रहा है। अब फसलों को धूप की जरूरत है।

खरीफ फसल की बोवनी 58 हजार हेक्टेयर में हुई है और सबसे ज्यादा सोयाबीन, उड़द शामिल है। बोवनी के बाद मौसम अनुकूल होने से फसलें बहुत अच्छी थीं, लेकिन जुलाई माह से शुरू हुई बारिश से फसलों पर खतरा मंडरा रहा है। खेतों में पानी भरने से फसलें गलने लगी हैं और फूल झड़ रहा है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ेगा। यदि इसी तरह मौसम रहा, तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। किसानों का कहना कि बारिश ज्यादा होने से फसल की जड़ खराब होने से पौधे पीले पडऩे लगे हैं और फूल सूख रहा है। कुछ दिन मौसम साफ नहीं हुआ, तो फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगी।

धान की फसल को फायदा

ज्यादा बारिश से सिर्फ धान की फसल को लाभ होगा, लेकिन यह फसल किसानों ने कम मात्रा में बोई है, जिसका रकबा 3140 हेक्टेयर है। सोयाबीन और उड़द का रकबा ज्यादा है।

बढ़ रहा कीटों का प्रकोप

मौसम खराब होने से फसलों में कीटों का प्रकोप बढ़ रहा है। सोयाबीन में इल्ली बढ़ गई है। रिंग कटर इल्ली ज्यादा है, जो पौधों को बीच से काट रही है और पौधा सूख जाते हैं। किसान दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं, लेकिन बारिश होने से उसका असर फसल पर नहीं होता है।

1266.2 एमएम हो चुकी है बारिश

जून माह से अभी तक 1266.2 एमएम बारिश हो चुकी है, जो औसत बारिश से ज्यादा है। क्षेत्र में औसत बारिश 1200 एमएम है। अभी अगस्त माह आधा बीता है, जिससे बारिश होना शेष है।

यूरिया, टॉनिक डालें फसल में

फसलों के लिए करीब पंद्रह दिन के साफ मौसम की जरूरत है। लगातार पानी से फसल छोटी रह गई है और फूल को नुकसान हो रहा है। पीली पड़ रही फसल में किसान यूरिया डाल सकते हैं और फूल को झडऩे से बचाने 05234 टॉनिक का छिड़काव करें। धान की फसल को लाभ होगा।

डीएस तोमर, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, बीना

फैक्ट फाइल

फसल रकबा

सोयाबीन 41660

उड़द 7315

धान 3140

मक्का 4310

ज्वार 250

अरहर 935

(रकबा हेक्टेयर में)