
बंडा से भाजपा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के सदर स्थित बंगला पर एक बार फिर सोमवार को वन विभाग की टीम सर्च वारंट लेकर पहुंची। जहां सूक्ष्मता से जांच की, जिसमें 4.30 घंटे का समय लग गया। वन विभाग ने वन्यजीवों के खाल, सींग आदि से तैयार ट्रॉफियों के सभी दस्तावेज मिलने के बाद इस मामले में राठौर फर्म को क्लीनचिट दे दी। हालांकि मगरमच्छों को पालने के मामले में वन विभाग ने प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
वन विभाग के अनुसार मुख्य वन संरक्षक व वनमंडल अधिकारी दक्षिण के निर्देश पर उडऩदस्ता राठौर बंगला पहुंचा था। जहां परिसर में बने भवनों में बाघ, तेंदुआ, काले हिरण, चौसिंगा, सांभर, चिंकारा के खाल, सींग व अन्य वन्यजीवों की ट्रॉफी मिली। डीएफओ महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, ट्रॉफियों का 2003 में पंजीयन कराया था, सभी अभिलेख वैध हैं।
बंगले में लगभग 5 दशक यानी 50 साल से मगरमच्छ पले हुए थे। वन विभाग ने जिन 4 मगरमच्छों का रेस्क्यू कर नदी में छोड़ा, उसमें सबसे बड़े मगरमच्छ की उम्र ही 45 से 50 साल है। बंगले में मगरमच्छ होने की बात शहर के बच्चे-बच्चे को पता थी, लेकिन वन विभाग का कहना है कि उन्हें इस संबंध जानकारी मीडिया में चली खबरों से मिली। आयकर विभाग नहीं पहुंचता तो वन विभाग को कुछ पता ही नहीं चलता।
Published on:
14 Jan 2025 08:37 am
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