
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के साथ सीएम डॉ. मोहन यादव
liquor ban in MP: उज्जैन और महेश्वर समेत 16 धार्मिक शहरों में एमपी की मोहन सरकार पूर्ण रूप से शराबबंदी करने जा रही। सीएम मोहन यादव ने इस संदर्भ का ऐलान किया है। बता दें कि एमपी में शराबबंदी का ऐलान करने से पहले सीएम मोहन यादव पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती से मिले थे। बता दें कि शराबबंदी के ऐलान के बीच मोहन सरकार नई शराब नीति में शराब सस्ती करने की भी तैयारी भी कर रही है।
फरवरी 2025 से पहले आने वाली नई शराब नीति में ऐसा प्रावधान होगा, जिसके मुताबिक उज्जैन और महेश्वर समेत 16 धार्मिक शहरों में शराबबंदी रहेगी। इसके बाद ऐसे शहरों की सीमा में नई दुकानें नहीं खुलेंगी। पुरानी दुकानों को बंद कराया जाएगा। बाहर से शराब लाकर बेचने वालों को सजा मिलेगी।
इसके लिए नई आबकारी नीति 2025-26 तैयार हो गई है। इसके मुताबिक एमपी में शराब 10-15 फीसद तक सस्ती हो सकती है। नई आबकारी नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट को सोमवार को कैबिनेट सब कमेटी में मंजूरी दे दी गई। बुधवार को इसे कैबिनेट में लाने की तैयारी है।
इसके पहले की दो सरकारें भी अलग-अलग स्वरूपों में शराबबंदी की बात करती रही है। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने 2016-17 में कहा था कि नर्मदा नदी के 5 किमी के दायरे में शराबबंदी करेंगे। यह नर्मदा क्षेत्र के 20 जिलों में अभी लागू है। उज्जैन समेत धार्मिक शहरों में मुय स्थानों से 100 से 200 मीटर दायरे में पाबंदी थी। हालांकि 95% जगह पालन नहीं हो रहा।
-धार्मिक नगरों में साधु-संतों ने शराब दुकानें बंद करने के सुझाव दिए हैं, उनका परीक्षण करवा रहे हैं।
-धार्मिक नगरों का वातावरण प्रभावित होने संबंधी शिकायतें भी मिल रही हैं। प्रयास है कि धार्मिक नगरों की पवित्रता बनी रहे इसलिए राज्य सरकार नीति में सुधार कर धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने पर विचार कर रही है।
-सरकार जल्द निर्णय लेकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
नशे के खिलाफ पूर्व मुयमंत्री उमा भारती ने भी अपने कार्यकाल में नशे को खत्म करने पर काम किया। उनकी हाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात हुई। उमा ने उनका सम्मान भी किया। सूत्रों के मुताबिक मुलाकात में शराबबंदी पर चर्चा हुई। उमा भारती शिवराज सरकार में शराब दुकान पर काफी मुखर हो गईं थी। उन्होंने राजधानी भोपाल में एक दुकान पर पत्थर फेंक विरोध जताया था।
- ओंकारेश्वर (खंडवा)
- मंडला शहर
- पन्ना नगर
- दतिया
- जबलपुर शहर
- चित्रकूट (सतना)
- मैहर
- सलकनपुर (सीहोर)
- महेश्वर (खरगोन)
- अमरकंटक (अनूपपुर)
- उज्जैन ठ्ठ मुलताई (बैतूल)
- मंडलेश्वर (खरगोन)
- पशुपतिनाथ मंदिर, (मंदसौर)
- ग्वारीघाट, (जबलपुर)
- बरमान घाट, (नरसिंहपुर)
नई नीति में पूरा फोकस इस बात पर किया गया है कि एमपी में आने वाली अवैध शराब को कैसे भी रोका जाए। इसके लिए पड़ोसी राज्योंं में शराब की कीमतों का विश्लेषण किया गया। सामने आया कि यूपी के मुकाबले एमपी में शराब 35 फीसद तक महंगी है। इसीलिए फॉर्मूला निकाला गया कि एमपी में शराब की कीमतें पड़ोसी राज्यों में शराब की कीमत में 15 फीसद से ज्यादा अंतर ना हो।
सीएम मोहन यादव के शराबबंदी की घोषणा के साथ ही एमपी में सियासत भी गरमा गई है। एमपी कांग्रेस का कहना है कि पहले ये बताएं कि शराब बंदी का आदेश कब निकलेगा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार स्टंटबाजी कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि सीएण एक साल में अपने गृहनगर उज्जैन में शराबबंदी नहीं करा पाए, वे केवल शगूफे छोड़ रहे हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि सिर्फ कहने से शराबबंदी नहीं होती। मुख्यमंत्री ये बताएं कि इसका आदेश कब जारी करेंगे?
Updated on:
16 Jan 2025 04:17 pm
Published on:
14 Jan 2025 08:22 am
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