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देश में किसी भी दुकान से राशन ले सकेंगे उपभोक्ता, फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सितंबर से उपभोक्ता देश के किसी भी कोने की शासकीय उचित मूल्य की दुकान से सरकारी राशन ले सकेंगे।

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gears up to National Portability

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सागर. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सितंबर से उपभोक्ता देश के किसी भी कोने की शासकीय उचित मूल्य की दुकान से सरकारी राशन ले सकेंगे। केंद्र सरकार के आदेश पर प्रदेश में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। केंद्र सरकार की ओर से आइएम-पीडीएस (इंटीग्रेटिड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) को स्वीकृति दे दी गई है।
इसके तहत सरकार पुरानी व्यवस्था को बदलकर आम आदमी के लिए नई व्यवस्थाएं शुरू करने जा रही है। सरकार एक ऐसी व्यवस्था बनाने जा रही है, जिसके तहत अब आम आदमी देशभर में एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकेगा। इस व्यवस्था के बाद फर्जी राशनकार्ड बनाने वालों पर भी नकेल कसेगी।
इस व्यवस्था के तहत एक ऑनलाइन एकीकृत इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट ऑफ पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम नेटवर्क होगा, जिसमें उपभोक्ताओं का डेटा स्टोर किया जाएगा। इसके बाद अगर कोई व्यक्ति देश में कहीं भी फर्जी राशन कार्ड बनवाने की कोशिश करेगा तो इस सिस्टम के जरिए पता चल जाएगा। राज्य स्तर पर पोर्टेबिलिटी की शुरुआत सबसे पहले आंध्र प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली ने की थी, लेकिन अब इस सिस्टम के तहत अधिकांश राज्यों ने शुरूआत कर दी है जिसमें मप्र भी शामिल है। इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो अपने राज्य से दूसरे राज्य में नौकरी के लिए पलायन कर चुके हैं। मौजूदा समय में लाभार्थी अपने गांव या आसपास की राशन की दुकान से सब्सिडी वाला अनाज खरीदते हैं, लेकिन आने वाले समय में योजना के तहत एक राज्य के लाभार्थी दूसरे राज्य के राशन की दुकान से अनाज खरीद सकेंगे।
खाद्य विभाग के अनुसार जिले की नगरीय निकायों में आने वाली 136 राशन दुकानों पर बायोमीट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन का वितरण किया जा रहा है। शुरूआती दौर में विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र की 271 राशन दुकानों पर यह प्रयोग शुरू कर दिया है, लेकिन नेटवर्क की समस्या के कारण अभी पूर्ण रूप से सफल नहीं हो सके हैं। इसके बाद जिले की सभी 898 राशन दुकानों पर यह प्रयोग शुरू कर दिया जाएगा।
जिले में राशन कार्ड का आधार से लिंक होने का काम धीमी गति से चल रहा है। अभी भी जिले के करीब 4 लाख से ज्यादा लोगों के आधार राशन कार्ड से लिंक नहीं हो पाए हैं। अब प्रशासन ने शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों को लिंक करने की जिम्मेदारी सौंपी है, यदि दो माह के भीतर आधार लिंक नहीं हुआ तो राशन का उठाव नहीं हो सकेगा। खाद्य विभाग के मुताबिक जिले में 4 लाख 9 हजार 419 परिवारों में 18 लाख 33 हजार 242 सदस्य हैं। इनमें से अब तक महज 14 लाख 46 हजार सदस्यों के आधार कार्ड ही राशन कार्ड से लिंक हो पाए हैं।
राशन वितरण की नई व्यवस्था एेसी होगी
जिले में उचित मूल्य दुकानों व पोस मशीनों की संख्या समान होनी चाहिए। उचित मूल्य दुकान के प्राधिकरण पत्र के निलंबित, निरस्तकरण, लंबे अवकाश, त्यागपत्र, मृत्यु, एफआइआर आदि किसी भी कारण अकार्यरत होने की दिशा में भी संबंधित पोस मशीन कार्यरत रहनी चाहिए। दुकान के अटैचमेंट या बंद होने की दशा में उक्त उचित मूल्य दुकान की पोस मशीन का संचालन दुकानदार द्वारा किया जाता है, जिसके साथ दुकान को अटैच किया है।
जिले की समस्त उचित मूल्य दुकानदारों को पूर्ण विवरण मय दुकान का कोड व फोन नंबर विभाग को उपलब्ध करवाना आवश्यक है। जिले की समस्त उचित मूल्य दुकानों के वास्तविक स्टेटस को ऑनलाइन अपडेट कराएं, ताकि कार्यरत दुकानों को ही आवंटन किया जा सके। ऐसी दुकानें जिनका ऑनलाइन पंजीयन नहीं किया गया है और और मशीन के माध्यम से वितरण प्रारंभ नहीं दिया गया है। ऐसे सभी लाभार्थियों को अन्य उचित मूल्य दुकानों से जिला स्तरीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा का लाभ लेने की सुविधा नहीं होगी।