
सागर. अदरक: जी हां, अदरक देखने में जितना अजीब लगता है, उतने ही अजीब इसके फायदे है। अदरक की मौजूदगी आपके शरीर में करंट का काम करती है। इसीलिए अदरक का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में भी बहुतायत होता है। ऐसे ही एक कमाल के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है, जिसे जानने के बाद आपको हैरानी होना लाजमी है। कैसे हम अदरक के एक टुकड़े को एक जगह पर रगड़ते है और कमाल होने लगता है। जो ढलती उम्र में अब तक समझ नहीं आ रहा था, कैसे एक रगड़ में परिणाम नजर आने लगते है। हालांकि, यह देशी नुख्शा बॉडी के हार्मोन्स पर भी निर्भर करता है, लेकिन सामने आए कुछ परिणामों ने इसके कारगर बताया है। तो चलिए आप भी जान लीजिए अदरक ही एक रगड़ का कमाल।
जैसा कि हम सभी जानते है कि अदरक आयुर्वेदिक गुणों से भरा हुआ है। इसका प्रयोग घरेलू दवाएं बनाने में बखूबी किया जाता है।अदरक में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. आज अदरक के ऐसे ही एक गुण के बारे में बता रहा हूं, जिससे झड़ते बाल फिर से आ सकते है। शायद आपको विश्वास न हो लेकिन यह बिलकुल सच है इसे एक बार अजमाकर जरुर देखिएगा। अनेकों टेंशन से भरे जीवन में बढती उम्र के साथ बाल झडऩे की समस्या होने लगती है। उन्ही में से एक रोग है 'असमय बालों का झडऩा। कुछ लोग इसे रोकने के लिए बहुत सारे पैसे खर्च करते हैं लेकिन कुछ फायदा नहीं होता है लेकिन अदरक के उपयोग से बाल फिर से उग आएंगे। इसके लिए अदरक और प्याज का रस सेंधानमक के साथ मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करें, इससे गंजेपन से राहत मिलती है और बाल फिर से उग आते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में परिणाम विफल भी हो जाते है।
अदरक से ये भी है फायदे, एक भी न छोड़ें
- अदरक कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में सक्षम आधुनिक शोधों में अदरक को विभिन्न प्रकार के कैंसर में एक लाभदायक औषधि के रूप में देखा जा रहा है और इसके कुछ आशाजनक नतीजे सामने आए हैं।
-अदरक को स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोन कैंसर के इलाज में भी बहुत लाभदायक पाया गया है।
- शोध में पता चला कि अदरक के पौधे के रसायनों ने स्वस्थ स्तन कोशिकाओं पर असर डाले बिना स्तन कैंसर की कोशिकाओं के प्रसार को रोक दिया। यह गुण बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पारंपरिक विधियों में ऐसा नहीं होता। हालांकि बहुत से ट्यूमर कीमोथैरैपी से ठीक हो जाते हैं, मगर स्तन कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना ज्यादा मुश्किल होता है। वे अक्सर बच जाती हैं और उपचार के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेती हैं।
-अदरक के इस्तेमाल के दूसरे फायदे ये हैं कि उसे कैप्सूल के रूप में दिया जाना आसान है, इसके बहुत कम दुष्प्रभाव होते हैं और यह पारंपरिक दवाओं का सस्ता विकल्प है।
-आधुनिक विज्ञान प्रमाणित करता है कि अदरक कोलोन में सूजन को भी कम कर सकता है जिससे कोलोन कैंसर को रोकने में मदद मिलती है।
अदरक से मधुमेह पर रहता है नियंत्रण
मधुमेह के मामले में अध्ययनों ने अदरक को इसके बचाव और उपचार दोनों में असरकारी माना है। एक शोध में अदरक को टाइप 2 मधुमेह से पीडि़त लोगों के लिए असरदार पाया गया। अदरक के तत्व इंसुलिन के प्रयोग के बिना ग्लूकोज कोशिकाओं तक पहुंचाने की प्रक्रिया बढ़ा सकते हैं। इस तरह इससे उच्च रक्त शकज़्रा स्तर (हाई सुगर लेवल) को काबू में करने में मदद मिल सकती है।
अदरक हृदय के लिए लाभकारी
अदरक सालों से हृदय रोगों के उपचार में इस्तेमाल होती रही है। चीनी चिकित्सा में कहा जाता है कि अदरक के उपचारात्मक गुण हृदय को मजबूत बनाते हैं। हृदय रोगों से बचाव और उसके उपचार में अक्सर अदरक के तेल का प्रयोग किया जाता था।
पाचन के लिए भी अदरक
अदरक को हजारों सालों से प्राचीन सभ्यताओं द्वारा एक पाचक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके वात को दूर करने वाले तत्व पेट की गैस को दूर करके पेट फूलने और उदर वायु की समस्या से बचाव करते हैं। साथ ही पेट में मरोड़ को ठीक करने वाले इसके तत्व मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हुए अजीणता में राहत पहुंचाते हैं।
भोजन से पहले नमक छिड़क कर अदरक के टुकड़े खाने से लार बढ़ता है, जो पाचन में मदद करता है और पेट की समस्याओं से बचाव करता है। भारी भोजन के बाद अदरक की चाय पीने से भी पेट फूलने और उदर वायु को कम करने में मदद मिलती है। अगर आपको पेट की समस्याएं ज्यादा परेशान कर रही हैं, तो आप फूड प्वायजनिंग के लक्षणों को दूर करने के लिए भी अदरक का सेवन कर सकते हैं।
श्वास की समस्याओं और दमा के उपचार में असरकारी
श्वास संबंधी समस्याओं के उपचार में अदरक के तत्वों के सकारात्मक नतीजे दिखे हैं। शोध से पता चलता है कि दमा से पीड़ित मरीजों के उपचार में इसका प्रयोग आशाजनक रहा है। दमा एक स्थायी बीमारी है जिसमें फेफड़ों की ऑक्सीजन वाहिकाओं के स्नायुओं में सूजन आ जाती है और वे विभिन्न पदाथोज़्ं के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं, जिससे दौरे पड़ते हैं।
हाल में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि अदरक दो तरीके से दमा के उपचार में लाभदायक होता है। पहला हवा के मागज़् की मांसपेशियों को संकुचित करने वाले एंजाइम को अवरुद्ध करते हुए और दूसरे हवा के मागज़् को आराम पहुंचाने वाले दूसरे एंजाइम को सक्रिय करते हुए।
इन बातों पर ध्यान देना जरूरी
-दो साल से कम उम्र के बच्चों को अदरक नहीं दी जानी चाहिए।
- आम तौर पर, वयस्कों को एक दिन में 4 ग्राम से ज्यादा अदरक नहीं लेनी चाहिए। इसमें खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाने वाला अदरक शामिल है।
-गर्भवती स्त्रियों को 1 ग्राम रोजाना से अधिक नहीं लेना चाहिए।
-आप अदरक की चाय बनाने के लिए सूखे या ताजे अदरक की जड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं और उसे रोजाना दो से तीन बार पी सकते हैं।
-अत्यधिक सूजन को कम करने के लिए आप रोजाना प्रभावित क्षेत्र पर कुछ बार अदरक के तेल से मालिश कर सकते हैं।
-अदरक के कैप्सूल दूसरे रूपों से बेहतर लाभ देते हैं।
-अदरक खून पतला करने वाली दवाओं सहित बाकी दवाओं के साथ परस्पर प्रभाव कर सकती है।
-किसी विशेष समस्या के लिए अदरक की खुराक की जानकारी और संभावित दुष्प्रभावों के लिए हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें।
Published on:
02 Oct 2018 05:15 pm
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
