8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

10-20 की जगह प्रति व्यक्ति को परिवहन पर खर्च करने पड़ रहे 70 से 80 रुपए

– पत्रिका लगातार- प्रतिदिन 7 से 10 हजार लोग हो रहे प्रभावित, जिम्मेदार कर रहे अनदेखी – मात्र एक रूट पर चल रहीं चंद बसें, सुविधाएं बढऩे की जगह ठप हो गई पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था सागर. शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से ठप पड़ गया है। सिटी बसों के संचालन से शहरवासियों को […]

2 min read
Google source verification

- पत्रिका लगातार- प्रतिदिन 7 से 10 हजार लोग हो रहे प्रभावित, जिम्मेदार कर रहे अनदेखी

- मात्र एक रूट पर चल रहीं चंद बसें, सुविधाएं बढऩे की जगह ठप हो गई पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था

सागर. शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से ठप पड़ गया है। सिटी बसों के संचालन से शहरवासियों को सस्ते परिवहन की सौगात मिली थी। एक साल में सिटी बस सेवा में सुविधाओं का इजाफा तो नहीं हुआ, उलट जो बसें चल रहीं थीं, वे भी बंद हो गईं। सिटी बस सेवा की सुविधा बंद होने से जो व्यक्ति परिवहन पर 10 से 20 रुपए खर्च करता था, उस पर अब 70 से 80 रुपए का भार पड़ रहा है। शहर में स्कूल, कॉलेजों के बच्चों के साथ करीब 7 से 10 हजार लोग प्रतिदिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करते हैं।

हर स्टाप पर दोगुनी राशि देनी पड़ रही

सिटी बस में 5 से 7 रुपए प्रति स्टाप लगता था, लेकिन ऑटो रिक्शा संचालक मनमानी से पैसे वसूलते हैं। कम से कम दस रुपए तो लगते ही हैं। यात्रियों ने बताया कि मकरोनिया से सिविल लाइन चौराहे और पीली कोठी के अलग-अलग पैसे लगते हैं, जबकि सिविल लाइन से पीली कोठी की दूरी महज कुछ ही मीटर है।

समय की हो रही बर्बादी, सुरक्षा भी नहीं

सिटी बस को स्मार्ट सिटी के आइसीसीसी से लिंक किया गया था, जिसमें जीपीएस के लेकर सीसीटीवी कैमरा भी लगाए गए थे, ताकि बसों की उचित मॉनीटरिंग की जा सके। साथ ही यात्री भी सुरक्षित तरीके से यात्रा कर सकें।

ये हैं जिम्मेदार

एससीटीएसएल- एससीटीएसएल (सागर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड) की मॉनीटरिंग में सिटी बसों का संचालन होना था। जब से यह कंपनी बनी है, तब से लेकर आज तक इसको स्थाई सीइओ नहीं मिल पाया है। इधर प्रभार वाले अधिकारी एससीटीएसएल के कामकाज को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

परिवहन विभाग- शहर के साथ सिटी बसों का संचालन नगर निगम सीमा क्षेत्र से 25 किमी के दायरे में होना था, लेकिन इसमें परिवहन अड़ंगा लगाए हुए है। लोकल में ई-रिक्शा व अन्य ऑटो रिक्शा के कारण सिटी बस को सवारियां नहीं मिल रहीं हैं, जिसके कारण उन्होंने सेवा बंद कर दी।

यात्री बोले

- मैं गढ़ाकोटा से आया हूं। जब सिटी बसें चलती थीं, तो मैं खुरई रोड तक कम पैसों में पहुंच जाता था, अब ऑटो रिक्शा में ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं, परेशानी भी होती है। - विकास लोधी, यात्री

- मैं बाघराज वार्ड में रहता हूं और बहेरिया स्थित एक फैक्ट्री में काम करता हूं। जब सिटी बसें चल रहीं थीं, तो मेरा आना-जाना बहुत कम पैसे में हो जाता था, अब कुछ दूर पैदल चलता हूं, फिर ऑटो रिक्शा में बैठ जाता हूं। - पवन पटेल, यात्री