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गढ़ पहरा पहाड़ पर आज भी गूंजती है ‘गई रात अब पहर थोड़े’ गाने की गूंज, ये है रहस्य

सड़क पर टहलती दिखती है नटिन, सागर जिले के गढ़ पहरा का रहस्य

सागरSep 05, 2019 / 05:19 pm

Samved Jain

Know the Unknown mystery of Garh Pehra fort Sagar

गढ़ पहरा पहाड़ पर आज भी गूंजती है ‘गई रात अब पहर थोड़े’ गाने की गूंज, ये है रहस्य

सागर. सागर जिले में गढ़ पहरा पहाड़ी पर आज भी उस गाने की गूंज लोगों को सुनने मिल जाती है, जो कभी नट अपने राजा को प्रसन्न करने गाते थे। यहां सड़क पर नटिन को टहलते हुए भी देखा जा सकता है। यही वजह थी कि गढ़ पहरा पहाड़ पर भगवान हनुमान का मंदिर बनवाया गया था। इसके बाद ही यहां लोगों का आना-जाना शुरू हुआ था। गढ़ पहरा पहाड़ के रहस्य को आज आप समझेंगे।
Know the Unknown mystery of Garh Pehra fort Sagar
नट भारत में करतब दिखाने वाली एक जाति होती है। कहते हैं कि आज से कई सौ साल पहले मध्य प्रदेश के सागर जिले में ‘गढ़ पहरा’ में खतरनाक करतब दिखाने के दौरान एक नटिन के साथ यहां की रानी ने धोखा किया था। इस धोखे की वजह से नटिन की मौत हो गई थी। नटिन की मौत के वियोग में नट की भी जान निकल गई थी।एक नटिन और नट की आत्मा आज भी यहां भटक रही है। गढ़ पहरा किले को लोग भुतहा मानते हैं। यहां शाम के बाद लोग डर की वजह से अकेले नहीं जाते।
ये कहानी साजिश और धोखे की है। सागर जिले में गढ़पहरा में एक प्राचीन किला है। आज ये किला उजाड़ और खंडहर है। कहते हैं कि इस किले के आसपास किसी नट और नटिन की आत्मा वर्षों से दर-दर भटक रही है। ‘गढ़पहरा’ में एक खतरनाक करतब के दौरान यहां की रानी ने धोखा दिया, जिससे नटिन और नट की मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद पूरा राÓय बर्बाद हो गया था। गढ़पहरा किला पूरी तरह सुनसान और रहस्यमयी है। यहां डर की वजह से लोग शाम के बाद नहीं जाते हैं।
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गढ़ पहरा का रहस्य है कुछ इस तरह
यहां के लोगों का दावा है कि तब से लेकर आज तक नट-नटिन की आत्मा किले और महल के आस-पास घूमती रहती है। नट और नटिन से जुड़ी कहानी के मुताबिक किसी जमाने में यहां एक बूढ़े राजा का शासन था। बुंदेलखंड में पडऩे वाला ‘गढ़ पहराÓ उसकी राजधानी थी। उस दौरान राÓय में एक नट और नटिनी के खतरनाक करतबों और रस्सी पर चलने के दौरान उनके संतुलन की खूब चर्चाएं होती थी।

गढ़ पहरा के दरबार में नट को पत्नी के साथ बुलाया

बूढ़े राजा की इ’छा के मुताबिक मंत्रियों ने नटों को राज दरबार पहुंचने का संदेशा भेजा। नट अपनी पत्नी के साथ राजा के दरबार पहुंचा। कहते हैं कि नट की पत्नी बहुत ख़ूबसूरत थी। दरबार में राजा ने नट से कहा – राÓय में तुम्हारे करतबों की काफी तारीफ़ हो रही है। मैं भी तुम्हारा एक हैरतअंगेज करतब देखना चाहता हूं। अगर सच में तुमने ऐसा करतब करके दिखाया तो पुरस्कार के रूप में आधा राÓय दे दिया जाएगा। बूढ़े राजा ने नट को जो करतब दिखाने के लिए कहा था, वह बहुत खतरनाक था। दरअसल, इस करतब में किले के ऊंचे परकोटे से लेकर दूसरी ओर पहाड़ों में एक रस्सी बांधी जानी थी। बीच रास्ते में गहरी और खतरनाक खाई थी। इस रस्सी पर चलकर नटिन को उस पार पहुंचना था।
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गढ़ पहरा में नट दिखाते थे खतरनाक खेल

राजा की इस इ’छा पर नट और नटिन असमंजस में पड़ गए। पहले उन्होंने कभी इतना खतरनाक करतब नहीं किया था। इसे करने में उनकी जान भी जा सकती थी और अगर वे इनकार करते तो बूढ़ा राजा उनसे नाराज हो सकता था। वे राजा को भी नाराज नहीं करना चाहते थे। लिहाजा नटों ने करतब के लिए अपनी हामी दे दी। तुरंत ही राजा के आदेश पर करतब की तैयारी शुरू हो गई। उस रात नट ठीक से सो नहीं पाए। ये रात उनके जीवन की आखिरी रात साबित हुई। उन्होंने पूरी रात जागकर गाते हुए बिताई। उनकी आवाज बूढ़े राजा के महल तक पहुंच रही थी। कहते हैं कि गीत के बोल कुछ ‘गई रात अब पहर थोड़ेÓ थी। किवदंती के मुताबिक़ बूढ़े राजा का बेटा, उस रात अपने पिता की हत्या करना चाह रहा था। उसे राÓय की सत्ता का लालच था।

गढ़ पहरा की रानी को हुआ था यह दुख
यह भी कहते हैं कि उसी रात शादी नहीं होने से परेशान राजा की बेटी भी महल छोड़कर भागना चाहती थी, जबकि उसी रात राजा की पत्नी भी इस बात से दुखी थी कि करतब दिखाकर नट-नटिन उनका आधा राÓय ले लेंगे। नटिन के गाने को सुनकर राजा के बेटे ने अपना मन बदल लिया। उसने सोचा, अब बूढ़ा पिता कितने दिन जीवित रहेगा? जबकि, बेटी ने भी यह सोचकर अपना मन बदल लिया कि जैसे – इतना दिन बीत गया है, वैसे ही कुछ और दिन गुजर जाएंगे।

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गढ़ पहरा की रानी पर है नट की हत्या का आरोप
सुबह तय वक्त पर इस खतरनाक खेल को देखने के लिए हजारों की संख्या में राÓय की जनता उमड़ पड़ी। महल के परकोटे से दूसरे छोर तक ऊंचाई पर बंधी रस्सी देखकर ही लोगों को भय लगा था। राजा अपने महल की छत पर राज परिवार के साथ करतब देखने के लिए बैठा था। नट ने नगाड़े की थाप दी और रस्सी पर चलकर खाई पार करने का खतरनाक खेल शुरू हो गया। नटिन बांस की डंडी के सहारे रस्सी पर चलने लगी। कथा के मुताबिक रस्सी पर गजब का संतुलन दिखाते हुए नटिन कुछ ही देर में आधे रास्ते तक पहुंच गई थी। उसके ऐसा करते ही रानी की चिंताएं बढऩे लगी। नटिन पर राजा की आसक्ति देखकर रानी को लगा कि आधा राज तो जाएगा ही, कहीं राजा नटिन से विवाह भी न कर ले। तभी रानी ने एक खतरनाक फैसला लिया। जिस रस्सी पर नटिन चल रही थी, रानी ने उसे कटवा दिया। नीचे चट्टानों पर गिरने से नटिन की मौत हो गई।


सड़क पर अब भी घूमते हुए दिख जाती है नटिन
नटिन के वियोग में नट ने भी नगाड़े पर थाप देते-देते अपनी जान दे दी। कहते हैं कि नट-नटिन की मौत के कुछ ही दिन बाद बूढ़े राजा का पूरा राÓय तहस-नहस हो गया। सागर में किले से सटे हाईवे पर रात के दौरान कई वाहन चालकों ने एक महिला को टहलते हुए देखने का दावा किया है। लोग मानते हैं कि ये उसी नटिन की आत्मा है, जिसकी जान रानी के धोखे में चली गई थी। कुछ लोगों ने किले के पास रात में दर्द भरे गीत भी सुनने का दावा किया है। वैसे, यहां प्रचलित दंतकथाओं में भी कहा जाता है कि नट-नटिन रात के दौरान रोज वही दुखभरा गीत गाते हैं, जो उन्होंने करतब से पहले रात में गाया यहां के लोगों का दावा है कि तब से लेकर आज तक नट-नटिन की आत्मा किले और महल के आसपास घूमती रहती है।

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