
Answers issued with answers to incorrect questions
सागर. मप्र लोक सेवा आयोग की एक चूक ने हजारों अभ्यर्थियों को मुसीबत में डाल दिया है। १८ फरवरी को प्रशासनिक सेवा के विभिन्न पदों के लिए आयोग द्वारा आयोजित की गई परीक्षा की आंसरशीट में १५ प्रश्नों के गलत उत्तर दिए गए हैं। विडंबना तो यह है कि अब यदि अभ्यर्थी अपने उत्तर को सुधरवाने के लिए अपील करता है तो उसे हर प्रश्न के हिसाब से १०० रुपए यानी कुल १५०० रुपए का भुगतान करना होगा।
बेरोजगार मुसीबत में, आया आर्थिक भार
सं शोधन शुल्क ने अभ्यर्थियों को परेशानी में डाल दिया है। यदि अभ्यर्थी आंसरशीट में सुधार करवाते हैं तो आयोग को १ करोड़ २३ लाख रुपए का राजस्व मिलेगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि यह बेरोजगार छात्रों से खुली लूट है। 15 प्रश्नों को चुनौती देने के लिए 1500 रुपए जमा करने होंगे। यही नहीं पोर्टल शुल्क तो अलग से देना होगा।
किस नरसंहार को मप्र का जलियावाला बाग कांड कहा गया था?
एमपीपीएससी: झाबुआ
सही उत्तर: चरण पादुका नरसंहार
भारत छोड़ो का नारा
किसने दिया?
एमपीपीएससी: पं. जवाहर लाल नेहरू
सही उत्तर: यूसुफ मेहर अली
प्लांट इकोनॉमी फॉर इंडिया पुस्तक का लेखक कौन है?
एमपीपीएससी: जेडी बिरला
सही उत्तर: एम विश्वरैया
ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रारंभिक दौर में वेस्टर्न प्रेसिडेंसी कहां थी?
एमपीपीएससी: मुंबई सही उत्तर: सूरत
मप्र विधानसभा चुनाव २०१३ में कितने महिला निर्वाचित हुईं
एमपीपीएससी: २५ सही : कोई नहीं
कालिका पुराण किस धर्म
से संबधित है?
एमपीपीएससी: वैष्णव सही उत्तर: शाक्त
जब किसी वेबसाइट के ग्राहक नकली नेटवर्क यातायात के बाढ़ के कारण इसे एक्सेस करने में असमर्थ हो जाते हैं, किस नाम से जाना जाता है?
एमपीपीएससी: वायरस
सही उत्तर: डिनाइल ऑफ सर्विस अटैक
मप्र का सर्वोच्च शिखर
धूपगढ़ स्थित है?
एमपीपीएससी: महादेव श्रेणी
सही उत्तर: सतपुड़ा श्रेणी
निम्नलिखित में से कौन सा सही सम्मिलित नहीं है?
एमपीपीएससी: उड़ीसा
सही उत्तर: आंध्रप्रदेश
ब्रिटिश साम्राज्य पूरी से सड़ चुका है, हर तरह से भ्रष्ट, अत्याचारी व हीन है, यह कथन किसके द्वारा दिया गया था? बालगंगाधर तिलक, उत्तर सिस्टर निवेदिता
मप्र विधानसभा चुनाव २०१३ में कितनी महिलाएं निर्वाचित हुईं? २५ उत्तर ३० महिलाएं चुनी गई थीं।
& उम्मीदवार मानवेन्द्र मिश्रा का कहना है कि 1500 रुपए हम क्यों दें। विशेषज्ञों ने उत्तर गलत दिए हैं। इससे हमारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। फॉर्म के संशोधन की राशि शून्य होना चाहिए।
& कृष्णकांत का कहना है कि संशोधन की राशि शून्य के साथ ही दो दिनों में सही आंसरशीट जारी होनी है। इस त्रुटि में
जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
& आंसरशीट की गलती ने उम्मीदवारों को परेशानी में डाल दिया गया है। विशेषज्ञों द्वारा यह बड़ी चूक है। ऐसी गलती पर शासन द्वारा तुरंत कदम उठाया जाना चाहिए। पूरे प्रदेश के उम्मीदवार इन दिनों बड़े
तनाव से गुजर रहे हैं।
शैलेन्द्र तिवारी, कोचिंग संचालक
Published on:
25 Feb 2018 04:41 pm
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