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शिक्षा विभाग में दिए जा रहे हैं नोटिस पर नोटिस, लेकिन क्या होता है इनका हाल, जानिए सच

अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान

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Notification is going on in the name of education department

Notification is going on in the name of education department

सागर. आमतौर पर शासकीय विभागों में कर्मचारियों के लिए नोटिस जारी होना या स्पष्टीकरण मांगा जाना एक कार्रवाई के रूप में लिया जाता है, लेकिन शिक्षा विभाग में इन दिनों नोटिस जारी करना और फिर पूरे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल देना विभागीय अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए पूरे विभाग को बदनाम कर रहा है।
यह बात हम नहीं बल्कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को देखकर विभाग के ही लोगों ने कहना शुरू कर दिया है। इसके कुछ प्रमाण भी विभाग से जुड़े लोगों ने दिए हैं। जिसमें हालही में २१ शिक्षकों को कोचिंग संचालित करने को लेकर जारी किए गए नोटिस का है। सूत्रों का कहना है कि नोटिस जारी होने के बाद की गई सांठगांठ के कारण मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया
गया है। सूत्रों का कहना है कि विभाग में जो भी नियम विरुद्ध चल रहा है या किसी प्रकार की लापरवाही बरत रहा है तो पहले उसे नोटिस जारी किया जाता है और मामला रफा-दफा कर दिया जाता है।
21 को दिए थे नोटिस
करीब दो माह पहले जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एेसे 21 शिक्षकों को नोटिस जारी किए थे जो प्रायवेट कोचिंग पढ़ाते हैं। चूंकि विभाग की ओर से शासकीय शिक्षकों को प्रायवेट कोचिंग पढ़ाने पर पूर्णत: प्रतिबंधित है। नोटिस मिलने के बाद शिक्षकों में अफरा-तफरी मची और फिर शुरू हुआ सेटिंग का खेल। सूत्रों की माने तो मई-जून में नोटिस जारी होने के बाद भी इन शिक्षकों पर अब तक केवल इसीलिए कार्रवाई प्रस्तावित नहीं की गई है। थोक भाव नोटिस जारी होने और सभी मामले ठंडे बस्ते में जाने के बाद तमाम सवाल उठ रहे हैंँ

डीइओ कार्यालय के आसपास चल रहीं कोचिंग

जिन शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए थे उसमें से कुछ शिक्षकों की कोचिंग तो जिला शिक्षा कार्यालय से महज कुछ कदम की दूरी पर ही चल रहीं हैं। हालांकि नोटिस जारी होने के बाद इन्होंने ने होर्डिंग्स, पोस्टर आदि से अपना नाम हटवा दिया है, लेकिन सुबह, दोपहर और शाम को इनकी क्लास अभी भी संचालित हो रहीं हैं। इस बात की जानकारी विभाग के अधिकारियों को भी है, लेकिन सांठगांठ के चलते किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
स्कूल प्रबंधन ने दिया स्पष्टीकरण
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन शिक्षकों को नोटिस जारी किए गए थे, उन्होंने विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण भी दिया है, जिसमें जिस स्कूल में वे पदस्थ हैं वहां के हेडमास्टर व प्रिंसिपल ने स्वयं यह लिखित में दिया है कि उक्त शिक्षक नियमित रूप से स्कूल आते हैं, लेकिन इसके बाद भी गफलत की स्थिति बनी हुई है। यह बात तो माना जा सकता है कि जिन शिक्षकों को नोटिस जारी हुए वे नियमित स्कूल जाते हैं, लेकिन इसके पहले और बाद में वे प्रायवेट कोचिंग देते हैं इसको लेकर विभाग के अधिकारियों ने पूछना लाजमी नहीं समझा और स्कूल प्रबंधन के इस स्पष्टीकरण के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।