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हत्या पर 302 नहीं अब 103(1) तो धोखाधड़ी करने वाले पर 420 की जगह लगेगी 318(4) धारा

आज से दंड नहीं भारतीय न्याय संहिता लागू सागर. सोमवार से भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू हो जाएगी। जिसके बाद हत्या के आरोपी पर 302 की जगह 103(1), तो धोखाधड़ी करने वाले पर 420 की जगह 318(4) धारा लगेगी। इसी प्रकार भारतीय दंड संहिता की अन्य आपराधिक धाराओं को भी भारतीय […]

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सागर

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Nitin Sadaphal

Jul 01, 2024

शहर में लोगों को दी नए कानून की जानकारी

शहर में लोगों को दी नए कानून की जानकारी

आज से दंड नहीं भारतीय न्याय संहिता लागू

सागर. सोमवार से भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता लागू हो जाएगी। जिसके बाद हत्या के आरोपी पर 302 की जगह 103(1), तो धोखाधड़ी करने वाले पर 420 की जगह 318(4) धारा लगेगी। इसी प्रकार भारतीय दंड संहिता की अन्य आपराधिक धाराओं को भी भारतीय न्याय संहिता में बदला गया है। नए कानून की धाराओं को लेकर उलझन न हो इसके लिए करीब डेढ़ महीने से पुलिस अधिकारियाें-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। विभागीय जानकारी के अनुसार सातों अनुविभाग के डीएसपी रैंक के अधिकारियों के साथ जिले के 32 थानों के प्रभारी, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक और प्रधान आरक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है।

कहीं से भी कर सकेंगे एफआइआर

रविवार को पुलिस अधिकारियों ने आम नागरिकों के बीच पहुंचकर नए कानून के विभिन्न प्रावधान व सुविधाओं के बारे में प्रचार-प्रसार किया। कोचिंग संस्थान, स्कूल, कॉलेज, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पहुंचकर छात्र, छात्राओं और आमजन को नए कानून के संबंध में जानकारी दी। पुलिस टीम ने बताया कि तीनों नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। इसमें महिलाओं व बच्चों से संबंधित अपराधों में पीडि़तों की समस्याओं को केंद्र में रखकर, अपराधियों के लिए और कड़ी सजा आदि पर ध्यान दिया गया है। कहीं पर भी घटना होने पर परिस्थितिवश कहीं पर भी एफआइआर व ई-एफआइआर का भी प्रावधान है। पुलिस टीम ने उन्हें नए व पुराने कानूनों के तुलनात्मक चार्ट और प्रावधानों को पीपीटी व पोस्टर आदि के माध्यम से समझाया ।

बयान नहीं बदल सकेंगे पीडि़त व गवाह

नए कानून में डिजिटल साक्ष्य, फॉरेंसिक साक्ष्यों के महत्व को बढ़ाया गया है। हर चीज की समय-सीमा को निर्धारित किया गया है कि कितने समय में विवेचना पूर्ण करके चार्जशीट पेश करना है और केस की अपडेट पीडि़त को समय-सीमा में दी जाएगी। गवाह व पीडि़त आदि के बयान की वीडियोग्राफी व बयान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से लेने की भी प्रक्रिया है। ऐसा होने से अब पीडि़त और गवाह अपने बयान नहीं बदल सकेगा।

लगेंगे शिविर

पुलिस विभाग 1 जुलाई को जिले के सभी थाना-चौकियों में जागरूकता शिविर लगाएगा। इसमें पुलिस अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि, वकील, आमजन के बीच नए कानून को लेकर चर्चा करेगी। इसके अलावा सभी थानों में भारतीय न्याय संहिता व भारतीय दंड संहिता के तुलनात्मक विवरण के पोस्टर लगाए जाएंगे, जिससे किसी भी फरियादी व आमजन को नए कानून की सही जानकारी मिल सके।