
कार्यक्रम में भजनों की प्रस्तुति देते हुए
बीना. ब्रह्माकुमारीज संस्थान के खिमलासा सेवाकेंद्र पर श्रावण मास के उपलक्ष्य में भजन संध्या और सत्संग का आयोजन किया गया।
सेवाकेंद्र संचालिका बीके जानकी ने कहा कि हमारे पुण्य कर्मों से हमारा भाग्य बनता है और जीवन में सुख प्राप्त करने के लिए भाग्यवान बनना जरुरी है। हम अपने दैनिक जीवन के छोटे-छोटे कर्मों से अपने पुण्य का खाता बढ़ा सकते हैं। आप जहां रहते हैं, आपका जो कर्म है वही पुण्य कर्म बन सकता है। जरुरी है कि आपने उस कर्म को किस भाव, भावना और सोच के साथ किया है। पुण्य अर्थात हम जहां हैं, वहां उसी स्थान पर कर्म के प्रति ऊंची भावना रखना। हम जिस कार्य में ईश्वर को साथी बना लेते हैं। वह साधारण कार्य भी श्रेष्ठ बन जाता है।
कभी किसी को छोटा न समझें
बीके जानकी ने कहा कि कभी भी किसी व्यक्ति को छोटा न समझें। इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण है। सभी में कोई न कोई एक विशेष गुण होता है, जो उसकी पहचान होती है। यदि माताएं-बहनें घर-परिवार में एक-दूसरे में गुण देखने का दृष्टिकोण बना लें, तो आपसी संबंध मधुर और स्नेहमय बन जाएंगे। इस दौरान सभी को राजयोग मेडिटेशन कराते हुए उन्होंने कहा कि इससे हम लगातार सकारात्मक, प्रेरणादायी, खुशी दूसरों के प्रति कल्याण की भावना के विचारों को उत्पन्न करते हैं।
एक्टीविटी से सिखाया दुआएं देना
इस दौरान सभी महिलाओं को एक्टीविटी कराई गई, जिसमे प्रार्थना की कि आप बहुत अच्छे हैं, आप भाग्यवान हैं, आप भगवान के बच्चे हैं, आप पुण्य आत्मा हैं। सभी को बताया कि घर में भी एक-दूसरों के लिए दुआ देते रहें। इस दौरान महिलाओं ने श्रावण मास के उपलक्ष्य में भजन गाए।
Published on:
19 Jul 2025 12:09 pm
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