
padmavati movie controversy
सागर. सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म पद्मावती को लौटाए जाने के बाद निर्देशक संजयलीला भंसाली की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उधर, संसदीय समिति ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी है। संसदीय समिति ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से 15 दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। फिल्म की रिलीज होने की तिथि भी विवादों में फंस गई है। निर्माता रिलीज को लेकर सेंसर बोर्ड की हरी झंडी का इंतजार करने की बात कह रहे हैं। दीपिका पादुकोण , शाहिद कपूर और रणवीर सिंह अभिनीत यह फिल्म इससे पहले एक दिसम्बर को रिलीज होनी थी। देशभर में भले ही फिल्म का विरोध हो रहा हो, लेकिन फिल्म जगत की हस्तियां फिल्म को सपोर्ट कर रही हैं। उनका कहना है कि फिल्म को राजनीति में नहीं फंसना चाहिए। फिल्म को बिना देखे कोई कैसे अपनी राय दे सकता है। पत्रिका ने सागर से जुड़े बॉलीवुड अभिनेताओं से उनकी राय जानी।
भारत के इतिहास के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए, लेकिन पद्मावती फिल्म का विरोध कुछ लोग लाइमलाइट में आने के लिए कर रहे हैं, जबकि किसी को हक नहीं है कि विरोध करे। मूवी को बिना देखे कोई अपनी राय बना सकता है? भंसाली का कहना भी है ऐसा कोई सीन फिल्म में नहीं है, जिसमें इतिहास से कोई छेड़छाड़ हुई हो।
-गोविन्द नामदेव, फिल्म अभिनेता
कोलाहाल की स्थिति में मेरा दृष्टिकोण मायने नहीं रखता। लोगों को चाहिए कि सिनेमा को सिनेमा रहने दें। फिल्म में कुछ गलत सीन होते हैं तो उसका निर्णय करने सेंसर बोर्ड है। भारत का इतिहास कोई धूमिल नहीं कर सकता। हिन्दुस्तान, राजपूताना, बुद्ध यहां की जड़ों में हैं। अंग्रेज भी इतिहास को नहीं मिटा पाए।
-मुकेश तिवारी, फिल्म अभिनेता
फिल्म को बिना देखे निर्णय लेना उचित नहीं है। यदि किसी भी समुदाय की भावना आहत हो रहीं हैं तो पहले फिल्म देखें और फिर अपने संशय को खत्म करें।
सचिन नायक, फिल्म अभिनेता
Published on:
22 Nov 2017 02:08 pm
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