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रेलवे स्टेशन पर होने वाले टेंडर में पेटी कॉन्ट्रैक्ट की वजह से लुट रहे यात्री

हर दिन दस हजार रुपए कमाने का रहता है लक्ष्य, ज्यादा दामों पर बेचा जाता है सामान

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Passengers are being looted due to petty contracts in the tenders held at railway stations

फाइल फोटो

बीना. रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए जो स्टॉल खोली गई हैं, जो मुख्य ठेकेदार पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दे रहे हैं, जिससे वहां काम करने वाले वेंडर भी अपना खर्च निकालने के लिए सामान ज्यादा दामों पर यात्रियों को देते हैं। ज्यादा दामों पर सामान मिलने से यात्री लुट रहे हैं और अधिकारी इस व्यवस्था को सुधारने की बजाए संचालकों व वेंडरों को लूटने का पूरा मौका दे रहे हैं।
दरअसल रेलवे ने बीना स्टेशन पर 18 स्टॉल खाने पीने सहित अन्य सामान के लिए खोली हैं, इनमें से अधिकांश स्टॉल को मुख्य ठेकेदार ने टेंडर खुलने के बाद पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दे दी हैं। जो भी व्यक्ति उस स्टॉल को किराए से लेता है वह मुख्य ठेकेदार के लिए उसके बताए अनुसार राशि देता है। फिर उसके ऊपर वह अपने लिए कमाई करता है। साथ ही इस काम को जिन वेंडरों से कराते हैं, वह वेंडर यात्रियों को ज्यादा रुपए में सामान देते हैं।

इस प्रकार से समझें पूरा खेल
रेलवे स्टेशन पर एक स्टॉल 21 लाख 90 हजार रुपए में रेलवे से एक ठेकेदार ने एक साल के लिए किराए से ली है, जिसमें एक दिन का उन्हें रेलवे को 6 हजार रुपए जमा देना होता है। इसके बाद इन ठेकेदारों से दो हजार रुपए दिन में पेटी कॉन्ट्रैक्ट में अन्य व्यक्ति ने स्टॉल को किराए पर लिया, जो मुख्य ठेकेदार को लाइसेंसी फीस छह हजार व दो हजार अतिरिक्त सहित कुल 8 हजार रुपए दिन देता है। इसके बाद वह स्टॉल संचालक व वेंडर स्वयं की कमाई के लिए हर दिन दस हजार रुपए कमाने का टारगेट रखते हैं। यही वजह रहती है कि फिर वेंडर यात्रियों को 20 रुपए की चिप्स की पैकेट 25 रुपए में और 15 रुपए की पानी बोतल सहित अन्य सामान तय रेट से ज्यादा रुपए में देते हैं।

फैक्ट फाइल
रेलवे स्टेशन पर कुल स्टॉल - 18
एक स्टॉल की एवरेज कमाई - 8 से 10 हजार रुपए दिन
हर दिन रेलवे की कमाई - एक लाख रुपए