
फाइल फोटो
बीना. रेलवे ट्रेनों के एसी कोचों में सफेद चादर यात्रियों को उपलब्ध कराती है, जिनका कलर बदलने की मांग की जाने लगी है, इसकी मांग शहर के लोग ट्वीट करके भी कर रहे हैं और इस पर विषय पर विचार कर रंग बदलने की मांग की है।
दरअसल रेलवे शांति का प्रतीक माने जाने वाली सफेद रंग के चादर ट्रेन के एसी कोच में यात्रियों को देती है। रेलवे का मानना है सफेद रंग के उपयोग से चादर के गंदे होने पर उसे आसानी से पहचाना जा सकता है। साथ ही सफेद रंग शांति का प्रतीक भी होता है, जिसका उपयोग करने से लोगों के मन में शांति रहती है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग अब इस रंग को बदलकर अन्य कोई दूसरे हल्के रंग के चादर की मांग करने लगे हैं। लोगों का मानना है कि ट्रेन में रात के समय जब सभी लोग सफेद रंग का चादर उपयोग करते हैं, तो उससे नकारात्मक विचार भी मन में आते हैं। इसलिए या तो इसके रंग को बदला जाए या फिर सफेद रंग पर कोई ऐसा प्रिंट उपयोग किया जाएगा, जिससे यह पूरी तरह से सफेद न दिखे।
चादर पर किया जाए अन्य रंग से प्रिंट
यात्रियों के लिए जो सफेद चादर दी जाती है, वह आकर्षक नहीं होती है। सफेद चादर की जगह हल्का प्रिंट या अन्य किसी रंग की चादर यात्रियों को देने पर रेलमंत्री के लिए विचार करना चाहिए।
सत्यजीत सिंह, समाजसेवी, बीना
एसी कोच का माहौल हो जाता है डरावना
रेलवे ट्रेन के एसी कोच में सफेद रंग की चादर दी जाती है, जिससे रात के समय एसी कोचों का माहौल डरावना और भयावह हो जाता है। इसलिए महिलाओं व बच्चों के मन में डर पैदा होता है। सफेद की बजाए अन्य रंग का चादर दिया जाए।
अब्दुल रकीब मंसूरी, बीना
आते हैं नकारात्मक विचार
ट्रेन में यात्रा के दौरान देखने में आता है कि सफेद रंग के चादर से यात्रियों को यात्रा के दौरान सुकून की बजाए इन्हें देखकर नकारात्मक विचार मन में आते हैं। इसलिए चादर को सफेद रंग की बजाए अन्य रंग का किया जाए।
रोशन रजक, शहरवासी
Updated on:
12 Mar 2025 11:58 am
Published on:
12 Mar 2025 11:56 am
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