- मनरेगा की राशि 5.35 लाख रुपए में बना निर्मल नीर नहीं पाया गया।
- 2.52 लाख रुपए से बना शांतिधाम जीर्ण-शीर्ण अवस्था में मिला।
- 3.53 लाख रुपए से बना खेल मैदान नहीं मिला।
- सुदूर ग्राम सडक़ योजना में 14.87 लाख रुपए से बनाई गया बरखेरा मार्ग का निरीक्षण करने पर नया कार्य नहीं मिला।
- 14 लाख रुपए में नवीन तालाब पर भी नया कार्य नहीं मिला, ग्रामीणों ने 8-9 वर्ष पहले कार्य होना बताया।
- 28 लाख रुपए के अन्य नवीन तालाब नहीं मिले।
- हाई स्कूल के पास बनाए गए 4.7 लाख रुपए के निर्मल नीर के दस्तावेज नहीं मिले।
- 6.68 लाख रुपए में बरखेरा मार्ग में पुलिया निर्माण दर्शाया गया जबकि मौके पर कार्य पुराने मिले।
- करीब 7.50 लाख रुपए में दो जगह किया गया पौधरोपण नहीं मिला।
- करीब 11 लाख रुपए की दो अन्य पुलिया के कार्य भी नहीं मिले।
- 14.9 लाख रुपए में मुनिया नाले पर स्टाॅप डैम निर्माण कार्य मौके पर नहीं मिला।
-8.81 लाख रुपए का नाला गहरीकरण कार्य नहीं किया गया।
सेमराहाट ग्राम पंचायत की वर्तमान सरपंच राधा ठाकुर जब चुनाव जीतकर आईं तो उन्हें पता चला कि पूर्व सरपंच श्यामरानी अहिरवार और उनके पुत्र ने सचिव से पासवर्ड आइडी लेकर पीएम आवास में लाखों का फर्जीवाड़ा किया। 16 ऐसे बड़े कार्यों की राशि निकाल ली जो कि गांव में हुए ही नहीं हैं। केवल निर्माण कार्यों में ही 1 करोड़ 44 लाख का गबन हुआ है। शिकायत पर एक के बाद एक कई जांचें हुईं लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही थी। जांच के समय निर्माण एजेंसी द्वारा कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। दस्तावेज के संबंध में रेकार्ड चोरी की एफआइआर दर्ज भी कराई गई।
- तत्कालीन सरपंच, सचिव, उपयंत्री ने भ्रष्टाचार किया, जिससे अब गांव में नए कार्य स्वीकृत नहीं हो रहे। हम विगत 3 वर्ष से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, अभी प्रशासन ने आरोपियों से वसूली आदेश निकाले हैं, हमारी मांग है कि आरोपियों पर एफआइआर की जाए।
राधा ठाकुर, सरपंच ग्राम पंचायत सेमराहाट।