
polluted water in tribal boys hostel
सागर. न शौचालयों के नलों में पानी, न ही सफाई की पर्याप्त व्यवस्था। छत पर रखी टंकियों में पड़े कीड़े व जमी काई। यह स्थिति है शासकीय पोस्ट मेट्रिक अदिवासी बालक छात्रावास सिरोंजा की। गुरुवार को यहां जाकर देखा तो यह तस्वीर सामने आई। नलों में पानी न आने से छात्र छत पर जाकर टिंकियों से पानी निकालकर दैनिक कार्य कर रहे हैं। वहीं शौचालयों का फर्श उखड़ा पड़ा है। पानी न आने से गंदगी भी है। छात्र इन समस्याओं से जूझने के लिए मजबूर हैं।
यहां छात्रों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। छात्रावास परिसर में न ही बाउंड्रीवॉल है और न ही तार फेंसिंग। इतना ही नहीं परिसर का मुख्य गेट तक गायब है। ऐसे में छात्रों की सुरक्षा का जिम्मा खुद उन्हीं के हाथों में है। परिसर में ही ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। यहां से निकली बिजली केबल इतनी नीचे है कि कोई भी आसानी से उस तक पहुंच सकता है। प्रबंधन से यहां की समस्याओं के बारे में कई बार शिकायत की, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
ट्यूबवेल के पास सेप्टिक टैंक
छात्रवास में रह रहे करीब 25 छात्रों के लिए जिस ट्यूबवेल से पीने का पानी जाता है, उसी के पास छात्रावास के शौचालयों का सेप्टिक टैंक है। जिससे ट्यूबवेल के पानी में गंदगी फैलने की आशंका है। वहीं दूसरी ओर के सैप्टिक टैंक का ढक्कन ही गायब है। यहां किसी भी समय कोई अनहोनी घट सकती है।
टूटा पलंग, बिस्तर में खटमल
छात्रों से मिलने के लिए उनके कमरे में पहुंचे तो देखा कि छात्र टूटे पलंगों पर रात गुजारते हैं। इसी पर बैठकर पढ़ते हैं, क्योंकि उनके पास कुर्सी टेबल नहीं है। खटमल परेशान करते हैं सो अलग।
छात्रावास भवन व टंकियों की अभी साफ-सफाई होना है। कुछ वर्षों से पोस्ट मेट्रिक छात्रावास के बच्चों के लिए रजाई वगैरह व कुछ अन्य सुविधाओं के लिए भत्ता मिलता है, इससे वे अपनी व्यवस्था करते हैं। अभी फोर्थ क्लास कर्मचारियों की कमी है, भर्ती नहीं हो पा रही हैं। अन्य जो समस्याएं हैं उन्हें दिखवाकर दूर कराया जाएगा।
एचएस राजपूत, सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण
Published on:
29 Nov 2017 09:23 pm
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