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ऑनलाइन बन रही डाक पर्ची, गलत दाम दर्ज होने पर हो रहे विवाद, अधिकारी नहीं कर रहे व्यवस्था

स्थायी कर्मचारी न होने पर सुरक्षा गार्ड काट रहे हैं पर्ची, सिर्फ तीन मशीनों से बन रही है पर्ची

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Postal slips are being made online, there are disputes if there is a mistake in the price, officials are not making any arrangements

डाक पर्ची बनाता हुआ सुरक्षा गार्ड

बीना. कृषि उपज मंडी में उपज की डाक पर्ची पीओएस मशीन से ऑनलाइन बनाई जा रही है, लेकिन प्रशिक्षित कर्मचारी न होने से गलतियां होने पर व्यापारी और किसान के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होती है। इसके बाद भी मंडी प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है।
मंडियों को ऑनलाइन तो कर दिया गया है, लेकिन प्रशिक्षित कर्मचारी न होने से परेशानी आ रही है। यह कार्य मंडी के सुरक्षा गार्डों को दिया गया है और उन्हें भी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। पर्ची काटते समय कई बार दामों में अंतर आ जाता है, जिसपर किसान आपत्ति लेते हैं और फिर विवाद हो जाता है। एक किसान की उपज 5200 रुपए क्विंटल में खरीदी थी और पर्ची पर 5300 रुपए दर्ज हो गए थे, जिसपर किसान ने पर्ची के अनुसार रुपए व्यापारी से मांगे थे, जिससे बहस हो गई थी। ऐसे मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। व्यापारी इसकी शिकायत अधिकारियों से कर रहे हैं और इस समस्या को हल कराने की मांग कर चुके हैं। बुधवार को हुए विवाद के बाद मंडी पहुंचे एसडीएम के समक्ष भी व्यापारियों ने यह मांग रखी थी। डाक पर्ची बना रहे सुरक्षा गार्डों से जब प्रशिक्षण के संबंध में पूछा गया, तो उनका कहना था कि पर्ची बनाते-बनाते अनुभव हो गया है।

ट्रॉली पर लिखने पड़ रहे दाम
विवाद से बचने के लिए मंडी प्रबंधन ने डाक के बाद ट्रॉली के पीछे भी रेट लिखना शुरू कर दिया है, जिससे पर्ची पर गलती होने पर विवाद की स्थिति न बने। ट्रॉली पर डाक के दाम, व्यापारी का नाम लिखने के लिए एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है।

बढ़ा रहे हैं कर्मचारी
स्थायी कर्मचारी न होने से सुरक्षा गार्डों से पर्ची बनवाई जा रही हैं और व्यवस्था में सुधार के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिससे किसानों को परेशानी न हो।
कमलेश सोनकर, सचिव, कृषि उपज मंडी, बीना