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श्रुत पंचमी के अवसर पर आर्यिका साधु मति व आर्यिका साधना के सानिध्य में पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर वर्धमान कॉलोनी से शनिवार को शोभायात्रा निकाली गई। इस मौके पर भक्तों ने मां जिनवाणी की पूजन की। आचार्य विद्या सागर महाराज के चरण चिन्ह मंदिर में विराजमान किए। आर्यिका साधु मति ने कहा कि जैन धर्मावलंबी जेष्ठ शुक्ल पंचमी को श्रुत पंचमी पर्व मनाते हैं। 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी निर्वाण के बाद लगभग 2000 वर्ष पूर्व आचार्य धरसेन ने अपने शिष्य पुष्पदंत और भूतबलि को आदेश दिया कि महावीर स्वामी की दिव्य वाणी को लेखन के माध्यम से संरक्षित किया जाए। जैन धर्म के प्रथम ग्रंथ षट्खण्डागम की रचना प्राकृत भाषा में जेष्ठ शुक्ल पंचमी को शुरू की गई थी। तब से जैन धर्मावलंबी इस दिन को श्रुत पंचमी के रूप में मनाते हैं।
Published on:
01 Jun 2025 04:57 pm
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