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डिजीटल के बजाय पारे वाले उपकरण से जांच रहे पल्स रेट और बीपी

इमरजेंसी के लिए खरीदे गए १० में से कई उपकरण हैं बंद, ओपीडी में भी है सबसे ज्यादा जरूरत

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सागर

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Aakash Tiwari

Dec 16, 2017

Pulse rate and BP are being checked from mercury devices instead

Pulse rate and BP are being checked from mercury devices instead

सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज भले ही ई-हॉस्पिटल की सूची में शामिल हो गया हो, लेकिन अभी भी कॉलेज डिजिटल की श्रेणी में नहीं आया है। कई मामलों में अभी अन्य मेडिकल कॉलेजों से पिछड़ा हुआ है। बीपी (ब्लड प्रेशर) इंस्ट्रूमेंट की ही बात करें तो अभी भी मरीजों का ब्लड प्रेशर पारे वाले इंस्ट्रूमेंट से ही नापा जा रहा है। वार्डों में इन्हीं उपकरण से मरीजों की पल्स रेट और बीपी की जांच की जाती है। हालांकि दो साल पहले इमरजेंसी के लिए करीब १० डिजिटल बीपी इंस्ट्रूमेंट खरीदे गए थे, लेकिन इनमें से अधिकतर बंद पड़े हुए हैं। उधर, प्रबंधन का कहना है कि इस संबंध में डिमांड की जाएगी। जल्द ही इसका प्रपोजल बनाकर भेजा जाएगा।
कैज्युल्टी में दो साल पहले खरीदे गए १० डिजिटल बीपी इंस्ट्रूमेंट में से कई लंबे समय से बंद पड़े हैं। गिनती के ही चालू हैं। इनकी जगह वर्षों पुराने पारा वाले बीपी इंस्ट्रूमेंट का उपयोग किया जा रहा है। डिजिटल बीपी इंस्ट्रूमेंट खराब नहीं हैं, ये चालू हो सकते हैं। बशर्ते इनमें बैटरी डाल दी जाए। लेकिन प्रबंधन बैटरी खरीदने में कंजूसी दिखा रहा है। इन बीपी इंस्ट्रूमेंट खरीदने का उद्ेश्य इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का समय पर पल्स रेट और बीपी नापना था।
मुश्किल में जान
बीएमसी में २६ वार्ड हैं, जहां भर्ती मरीजों का प्रतिदिन बीपी चैक होता है। यहां डिजिटल बीपी इंस्ट्रूमेंट न होने से इनका उपयोग सिर्फ डॉक्टर ही कर पाते हैं। कई नर्सिंग स्टाफ को इसका उपयोग करना नहीं आता है। एेसे में भर्ती मरीजों का बीपी यदि बढ़ता है या घटता है तो उनकी मुसीबत बढ़ सकती है। जबकि डिजीटल इंस्ट्रूमेंट महज दस सेकंड में पल्स रेट और बीपी का पता लगाया जा सकता है।

ओपीडी में सबसे ज्यादा जरूरत
मेडिसिन, अस्थि और सर्जरी विभाग में सबसे ज्यादा डिजिटल बीपी इंस्ट्रूमेंट की जरूरत है। यहां हर रोज सैकड़ों मरीज जांच कराने पहुंच रहे हैं। पारे वाले बीपी इंस्ट्रूमेंट का उपयोग होने से मरीजों की जांच में भी वक्त लगा रहा है। डॉक्टरों का कह ना है कि डिजिटल बीपी इंस्ट्रूमेंट न होने से कई बार सिर्फ गंभीर मरीजों की ही जांच कर पाते हैं। मरीज ज्यादा होने के कारण संभव नहीं हो पाता है।

इस संबंध में प्रपोजल तो बना है, मैं दिखवाता हूं। इमरजेंसी के लिए दो साल पहले दस इंस्ट्रूमेंट खरीदे थे। सभी चालू हैं।
एसपी सिंह, सहायक अधीक्षक बीएमसी