
Sagar tenth on filling returns
विष्णु कुमार सोनी . सागर. जीएसटीआर-३ जमा करने के मामले में सागर प्रदेश में काफी पीछे चल रहा है। शहर का प्रदेश में 10वां स्थान है। अब जबकि जीएसटी रिटर्न जमा करने की अंतिम तिथि 10 जनवरी हो गई है तो विभाग का यह प्रयास है कि वह अंतिम तिथि तक शत-प्रतिशत व्यापारियों के रिटर्न फाइल करवा सके, लेकिन सर्वर की समस्या के कारण व्यापारी परेशान हैं। दरअसल, जब से जीएसटी लागू हुआ है, तब से अब तक प्रदेश के 15 संभागीय वाणिज्यिक कार्यालयों में करीब 2 लाख 4 हजार 227 कारोबारियों ने जीएसटी में माइग्रेशन कराया है। सागर में 14 हजार 76 डीलर पंजीकृत हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा 21438 रेग्युलर डीलरों के साथ रतलाम पहले नंबर पर है, जबकि सागर माइग्रेशन में प्रदेश में पांचवें पायदान पर है।
निरस्ती के लिए भरना होगा आरईजी-16
जीएसटी में पंजीकृत जो व्यापारी अपना पंजीयन निरस्त करना चाहते हैं, उनके लिए विभाग ने आरईजी-१६ उपलब्ध करा दिया है। यह सुविधा वोलेटरी व्यवसायियों के लिए नहीं है, क्योंकि जीएसटी नियम-२० के अनुसार नए पंजीयन की तिथि से एक साल तक पंजीयन निरस्त नहीं करा सकता है।
शहरी ग्राहकों को १ हजार तो अंचल में 500 रुपए अकाउंट में रखना जरूरी
सागर. नोटबंदी के बाद बैंकिंग सेक्टर में किए गए परिवर्तन के बाद नए साल में फिर बदलाव होने वाले हैं। अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने को लेकर बदलाव किया जा रहा है। इसके तहत शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को अकाउंट में मिनिमम एक हजार रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को कम से कम पांच सौ रुपए की राशि रखना होगी। यदि अकाउंट में इससे राशि कम हुई तो जुर्माना लगेगा। इसके लिए सर्कुलर जारी कर दिया गया है।
अभी तक यह थी व्यवस्था
नोटबंदी के बाद बैंकिंग क्षेत्र में कई बदलाव किए गए थे। सेविंग अकाउंट में मिनिमम राशि की लिमिट भी बढ़ाई गई थी। अभी तक शहरी ग्राहकों को सेविंग अकाउंट में कम से कम तीन हजार रुपए और ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को दो हजार रुपए खाते में रखने का नियम था।
मिनिमम बैलेंस में बदलाव को लेकर निर्देश मिले हैं। जिनका क्रियान्वयन एक-दो दिन में हो जाएगा। केबी सिंह, ब्रांच मैनेजर, मकरोनिया एसबीआई
Published on:
08 Jan 2018 12:10 pm
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