
सागर. नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रेल से शुरू हुआ संपदा-2.0 सॉफ्टवेयर सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए मुसीबत बना हुआ है। ट्रॉयल के समय तो संपदा-2.0 की स्पीड सही थी, लेकिन जब से यह स्थाई रूप से शुरू हुआ है, तो इसकी स्पीड धीमी हो गई है। इसके कारण रजिस्ट्रेशन और अन्य कागजी कार्रवाई पूर्ण करने में सर्विस प्रोवाइडर्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इधर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सर्वर सही तरीके से काम कर रहा है। हो सकता है कि कुछ सर्विस प्राेवाइडर्स के यहां इंटरनेट से जुड़ी कोई तकनीकी समस्या हो।
नाम न छापने की शर्त पर सर्विस प्रोवाइडर्स ने बताया कि सर्वर स्लो होने के साथ ही कभी-कभी ओटीपी सेंड न होने की समस्या भी ज्यादा समय खराब करती है। तीन से चार बार अलग-अलग कार्य के लिए ओटीपी की जरुरत पड़ती है, लेकिन ओटीपी मोबाइल पर इतनी देरी से आती है कि जब तक उसका टाइम आउट ही हो जाता है। इससे बार-बार प्रक्रिया शुरू करनी पड़ती है। रजिस्ट्रेशन के बाद सेकंड स्टेप पर जाने में अभी सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को परेशानी आ रही है।
सर्विस प्रोवाइडर्स ने बताया कि जब वह संपदा-1 पर काम कर रहे थे, तो उन्हें एक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरा करने में 10 मिनट का समय लगता था, जिसमें वह प्रूफ रीडिंग से लेकर अन्य कार्य कर लेते थे, लेकिन संपदा-2.0 में उन्हें कम से कम 20 मिनट का समय तो खपाना ही पड़ रहा है। सर्वर की समस्या से यह समय और ज्यादा बढ़ जाता है, जिसके कारण उनके साथ ही पक्षकारों को भी परेशान होना पड़ रहा है।
Published on:
13 Apr 2025 06:55 pm
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