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जिला अस्पताल में शॉर्ट सर्किट, ब्लड बैंक का 250 यूनिट रक्त खराब होने से बचा

आइसीयू व पीआइसीयू के मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था आई काम, संवेदनशील वार्डों में 2 तो अन्य वार्डों की बिजली 5 घंटे प्रभावित

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सागर

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Murari Soni

Oct 05, 2024

सागर. जिला अस्पताल के दवा वितरण कक्ष में शॉर्ट सर्किट होने से अस्पताल प्रबंधन के हाथ पैर फूल गए। आनन-फानन में अस्पताल की बिजली बंद करा दी गई और तत्काल फायर उपकरण से शॉर्ट सर्किट से भभकी आग काबू कर ली गई। हादसा समय पर नियंत्रण में आने से ऊपरी मंजिल पर ब्लड बैंक में रखा 250 यूनिट रक्त खराब होने से बच गया। वहीं आइसीयू व पीआइसीयू जैसे संवेदनशील वार्डों के मरीज भी बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था में रहे। हादसे के बाद संवेदनशील वार्डों में 2 घंटे तो ओपीडी वार्डों में 5 घंटे तक बिजली व्यवस्था चौपट रही।जानकारी के अनुसार सुबह करीब 11.30 बजे मरीज दवा वितरण कक्ष के काउंटर पर दवा ले रहे थे तभी कमरे से निकली सप्लाई लाइनों से धुआं निकलने लगा। लोगों ने बिजली केबल से आग निकलती देखी। आनन-फानन में अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे। दवा वितरण कक्ष में लगे फायर उपकरण से आग बुझाई गई और बिजली विभाग को सूचित किया गया। सुरक्षा के लिहाज से पूरे अस्पताल की बिजली बंद कर दी गई।

मशीनें बंद होने से पहले चालू हुई संवेदनशील वार्डों की बिजली-

बच्चा वार्ड, आइसीयू सहित अन्य संवेदनशील वार्डों में भर्ती करीब 50 मरीजों के लिए वार्ड में वैकल्पिक व्यवस्थाएं थीं लिहाजा मरीजों को शिफ्ट करने जैसी स्थिति नहीं बनी, लेकिन प्रबंधन को चिंता थी कि यह वैकल्पिक व्यवस्थाएं कुछ घंटे ही चल सकतीं हैं, लिहाजा दोपहर 2 बजे तक यहां बिजली चालू कर दी गई।

शाम 5 बजे तक चला मरम्मत कार्य-

बिजली कर्मचारियों ने मौके पर देखा कि दवा वितरण कक्ष से होकर ब्लड बैंक जाने वाली जनरेटर की सप्लाई लाइन में शॉर्ट सर्किट हुआ था। शॉर्ट सर्किट से आसपास के वार्डों में शाम 5 बजे तक बिजली चालू हो पाई। हालांकि अभी भी यहां वैकल्पिक रूप से कार्य किया गया है ताकि समय पर बिजली चालू की जा सके। हादसा स्थल के ऊपरी फ्लोर पर ब्लड बैंक भी है, जो कि पूरी तरह मशीनों पर निर्भर है। आग बढ़ती तब भी और समय पर मशीनें चालू नहीं होती तो भी खून बर्बाद हो जाता।

-11.30 बजे के करीब दवा वितरण कक्ष में शॉर्ट सर्किट से सप्लाई लाइनों में धुआं निकलने लगा था, मौजूद कर्मचारी 2-5 मिनट में ही फायर उपकरण से आग लगने से पहले ही बुझा दी थी। कुछ समय तक बिजली व्यवस्था प्रभावित रही, लेकिन संवेदनशील वार्डों में जल्द ही बिजली चालू कर दी गई। जहां हादसा हुआ उस क्षेत्र की बिजली 4-5 बजे चालू की गई।

डॉ. आरएस जयंत, सिविल सर्जन जिला अस्पताल।