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पर्युषण पर्व पर वर्णी भवन मोराजी में लगेगा श्रावक संस्कार शिविर

श्रावक संस्कार शिविर यानि एक ऐसा शिविर जिसमें हमें अपने श्रावक के संस्कारों को समारोपित करने का सौभाग्य मिलेगा। पर्यूषण पर्व को बड़े पवित्र दिनों के रूप में जाना जाता है

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सागर

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Atul Sharma

Sep 08, 2021

सागर. श्रावक संस्कार शिविर यानि एक ऐसा शिविर जिसमें हमें अपने श्रावक के संस्कारों को समारोपित करने का सौभाग्य मिलेगा। पर्यूषण पर्व को बड़े पवित्र दिनों के रूप में जाना जाता है और इन दिनों सब के हृदय में अतिरिक्त विशुद्धि का भाव भी होता है, तो उसका लाभ उठाते हुए पर्यूषण के दिनों में सब लोग कुछ विशिष्ट धर्म आराधना करें और अपने जीवन को चार्ज कर सकें, इस मनोभाव से वर्णी भवन मोराजी में श्रावक संस्कार शिविर का आयोजन मुनिसुप्रभ सागर महाराज के सानिध्य में किया जा रहा है। शिविर की शुरूआत 10 सितंबर से होगी। यहां दसलक्षण पर्व पर उत्तम क्षमा दिवस, उत्तम आर्जव दिवस, उत्तम मार्दव दिवस, उत्तम सत्य दिवस, उत्तम सोच दिवस, उत्तम संयम दिवस, उत्तम तप दिवस, उत्तम त्याग दिवस, उत्तम आकिंचन दिवस और उत्तम ब्रह्मचर्य दिवस पर प्रवचन होंगे।
ऐसे होंगे सुबह से रात तक आयोजन
सुबह 4.50 से सुबह 11.45 तक - योग, सुप्रभात स्त्रोठ पाठ, ध्यान, देवदर्शन, जिन्नेद्र अभिषेक, पूजन और मुनिसंघ द्वारा प्रवचन, आहारचर्या
दोपहर 12 बजे से शाम 6.45 तक - ईर्यापथ प्रतिक्रमण, सामायिक, स्वतंत्र अध्ययन, मौन, तत्वार्थ सूत्र पर प्रवचन, सम्यक समाधान, श्रावक प्रतिक्रमण, आचार्यभक्ती
रात्रि 7.15 से 9.30 तक - सामायिक, भक्ति मंगलआरती और प्रवचन
यहां भी होंगे कार्यक्रम
जिले के सभी जैन मंदिरों में भगवान की पूजा अर्चना होगी और जहां जहां मुनि संघ और आर्यिका संघ विराजमान है वहां पर प्रवचन होंगे। भाग्योदय तीर्थ में निर्यापक मुनि समय सागर महाराज, मंडी बामोरा में मुनि दुर्लभसागर महाराज शाहपुर में आर्यिका पूर्णमति, खुरई में आर्यिका रिजुमति, नेहा नगर मकरोनिया में आर्यिका अनंतमति मति और बिलहरा में आर्यिका उपशांतमति माताजी के संघ विराजमान है। बीना में एलक सिद्धांत सागर महाराज विराजमान है। तपोवन तीर्थ में आचार्यनिर्भय सागर महाराज के सानिध्य में प्रवचन होंगे।