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बारिश के साइड इफैक्ट: मौसमी फ्लू के कारण बीमार हो रहे लोग, निमोनिया का खतरा बढ़ा

इधर, पीडि़त बच्चे के गांव पहुंची डॉक्टरों की टीम, खुरई के गांव में फैला जापानी बुखार का वायरस।

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Side effects of rain

Side effects of rain

सागर. पिछले दस दिनों से जारी लगातार बारिश से जहां जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। इन दिनों बीएमसी और जिला अस्पताल में मौसमी बीमारी की चपेट में आने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। सबसे ज्यादा सर्दी-जुकाम और अस्थमा के मरीज उपचार कराने के लिए पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों की मानें तो मौसम में बदलाव से मौसमी फ्लू का असर बना हुआ है। सबसे ज्यादा छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। एक साल से कम आयु वाले शिशुओं में निमोनिया का ज्यादा खतरा बना हुआ है। जिला अस्पताल में रोजाना इलाज के लिए आने वाले 30 से 40 शिशुओं को निमोनिया की शिकायत पाई जा
रही है।
एक महीने में तीन हजार की ओपीडी
बीएमसी में बारिश से पूर्व मरीजों की संख्या 1000 से 1500 के आसपास थी, लेकिन बारिश के सीजन में यह आंकड़ा दोगुना हो चुका है। यहां सर्दी-खांसी, जुकाम, अस्थमा, निमोनिया, उल्टी-दस्त व अन्य बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या एक महीने में 3 हजार पहुंच चुकी है। वहीं, जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग में मरीजों की संख्या दो गुना से अधिक हो चुकी है।

- बारिश के कारण फ्लू नामक वायरल सक्रिय है। इससे सर्दी-खांसी के मरीज बढ़ रहे हैं। अस्थमा के मरीजों की भी सख्या बढ़ रही है। बारिश में भीगने और गीले कपड़े ज्यादा समय तक पहनने के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। लोगों को चाहिए कि वे सावधानी बरतें और बीमार पडऩे पर तुरंत चिकित्सकों की सलाह लें। - डॉ. मनीष जैन, मेडिसिन बीएमसी

30 ग्रामीणों के लिए सैंपल, मच्छरों की रोकथाम के लिए दवाओं का किया छिड़काव
उप्र और बिहार में फैले जापानीज एनसेफलाइटिस वायरस का मरीज (8 साल का बच्चा) खुरई के एक गांव में मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति है। शनिवार को गांव में हेल्थ शिविर लगाया गया। 4 डॉक्टरों ने लोगों का हेल्थ परीक्षण किया। 30 ग्रामीणों के ब्लड सैंपल भी लिए। टीम सुबह 11 बजे गांव पहुंची। मरीज के परिजनों का भी ब्लड सैंपल लिया। मलेरिया विभाग के 25 कर्मचारियों ने मच्छरों की रोकथाम के लिए पूरे गांव में दवाओं का छिड़काव किया। डॉ. इंद्राज सिंह ने बताया कि भोपाल से 8 साल के मासूम को जापनीज एनसेफलाइटिस वायरस से पीडि़त होने की पुष्टि हुई थी। सुबह डॉक्टरों को गांव भेजा था। वहीं पीडि़त के पिता के अनुसार बेटे की हालत में सुधार नहीं हुआ है। इलाज के लिए रुपए की आवश्यकता है।