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MP 10th topper : वॉचमैन के बेटे ने किया मध्यप्रदेश में टॉप, इस शहर के 32 बच्चों ने बनाई मेरिट में जगह

माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा 2018-2019 का परीक्षा परिणाम

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सागर

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Samved Jain

May 15, 2019

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MP 10th topper : वॉचमेन के बेटे ने किया मध्यप्रदेश में टॉप, इस शहर के 32 बच्चों ने बनाई मेरिट में जगह

सागर. माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा 2018-2019 का परीक्षा परिणाम बुधवार को सुबह 11 बजे घोषित कर दिया है। रिजल्ट में सागर जिले के गगन दीक्षित और आयुष्मान ताम्रकार ने संयुक्त रूप से मध्यप्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया। टॉपर आयुष्मान ताम्रकार के पिता वॉचमेन है। अब आयुष्मान अच्छी पढ़ाई करके अपने परिवार को खुशियां देना चाहता है और स्वयं अधिकारी बनना चाहता है। प्रदेश की मैरिट लिस्ट में दूसरा और तीसरा स्थान भी सागर जिले के छात्र-छात्राओं को ही मिला। इतना ही नहीं सागर जिले के 32 छात्र-छात्राएं इस बार दसवीं की मैरिट लिस्ट में शामिल है। जो भी अपने आप में एक रेकॉर्ड है। इसके अलावा दमोह से 4 बच्चे, छतरपुर जिले से 2 बच्चे टॉपर लिस्ट में शामिल हुए है। जबकि टीकमगढ़ जिले का एक भी विद्यार्थी प्रदेश की मेरिट लिस्ट में नहीं है।

रिजल्ट जारी होने के तत्काल बाद पत्रिका टीम ने टॉपर्स से बात की। सागर में रिपोर्टर रेशू जैन ने प्रदेश टॉपर आयुष्मान ताम्रकार से बात की। आयुष्मान ने कहा कि मेरा पढ़ाई करने का कोई टाइम नहीं रहता था, जब टाइम मिलता था तब पढ़ता था। कभी 3 घंटे तो कभी १ घंटे भी पढ़ाई हो सकी। अपने शिक्षक और अभिभावकों को इसका श्रेय देना चाहते है। टॉपिक बनाकर पढ़ाई है। आयुष्मान के पिता वॉचमेन है। आयुष्मान की मां ने कहा सुबह से बच्चे बहुत उत्साहित थे कि रिजल्ट आ रहा है, लेकिन पता नहीं चल सका कि इतनी बड़ी खुशी मिलेगी। पढ़ाने की अच्छे से ख्वाहिश है। एक ही बच्चा है मेरा। घर में बहुत परेशानी है। पिता बीमार रहते है फिर भी काम करते है। बच्चा घर के काम में भी सहयोग करता है। इसके बाद भी उसने मप्र में टॉप किया, इससे ज्यादा गौरवान्वित करने वाली बात और क्या हो सकती है। इस दौरान आयुष्मान की मां के खुशी के आंसू निकल पड़े।

प्रदेश में दूसरे स्थान पर आए दीपेंद्र कुमार अहिरवार से भी बात की गई। दीपेंद्र ने कहा कि 5 से 6 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई की। गुरुजनों द्वारा गाइड किए जाने के बाद उसने टॉपर स्तर की पढ़ाई की। इसका श्रेय वह गुरुजन और अभिभावकों को देना चाहता हूं। तीसरे स्थान में आई महिमा नामदेव ने सफलता का श्रेय गुरुजन, अभिभावक और बहनों को दिया है। महिला आइएएस बनना चाहती है। हर दिन सब्जेक्ट को पकड़कर पढ़ाई की और टाइम भी फिक्स रखा। इस तरह सफलता हासिल हो सकी।