
staff Doing Protest and hunger strike
सागर. जिले में इन दिनों सरकारी कमर्चारियों की हड़तालों का दौर चल रहा है। जहां वेतन विसंगति सहित 23 सूत्रीय मांगों को लेकर लिपिकों का प्रदर्शन जारी है, वहीं दूसरी ओर चार सूत्रीय मांगों को लेकर बीएसएनएल कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।
लिपिकों का प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। हांलाकि कुछ विभागों में लिपिक काम करते नजर आए। पदाधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन में पांच सौ लिपिक शामिल नहीं हुए हैं। इधर, प्रदर्शन कर रहे लिपिकों का एक पक्ष गुरुवार को भी पीली कोठी के सामने पंडाल लगाकर हड़ताल पर बैठा रहा। कार्यालयों में कामकाज प्रभावित होने को लेकर जब पत्रिका टीम ने जायजा लिया तो कलेक्ट्रेट, निर्वाचन, तहसीली, पीडब्लयूडी सहित अन्य विभागों में लिपिक काम करते दिखे। इनमें से कुछ का तर्क था कि वे हड़ताल में शामिल नहीं हैं तो कुछ कैमरा देख सीट छोड़कर भाग खड़े हुए। यही नहीं कुछ लिपिक यह कहते भी नजर आए कि वे पांच मिनट के लिए कार्यालय में आए हैं।
मप्र लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री चंचल खरे ने बताया कि जिले में करीब 1350 लिपिक हैं, लेकिन इनमें से 500 हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं। हालांकि इन्हें भी हड़ताल में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। खरे ने बताया कि मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ भी लिपिक वर्ग की हड़ताल के समर्थन में है।
बीएसएनएल कर्मियों की भूख हड़ताल जारी
चार सूत्रीय मांगों को लेकर बीएसएनएल के कर्मचारियों की क्रमिक भूख हड़ताल तीसरे दिन गुरुवार को भी जारी रही। ऑल इंडिया यूनियन एंड एसोसिएशन ऑफ बीएसएनएल के राष्ट्रीय आह्वान पर जिला प्रबंधक केजे तिर्की समेत ओपी शर्मा, जीएन सोनी, रविशंकर पटेल, एन तिवारी, वीरेन्द्र कुमार गुप्ता, मुन्नालाल रैदास, महेश सोयम, पीसी जैन, बाबू लाल काछी, मेहरबान सिह, तुलसीराम रैकवार, रामदास साहू आदि शामिल हुए। हड़ताल चार सूत्रीय मांगों को लेकर की जा रही है। जिसमें 1 जनवरी 2017 से तीसरा पे रिवीजन शीघ्र लागू करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन रिवीजन करने, अंशदान की कटौती वास्तविक वेतन पर करने और बीएसएनएल को फोर-जी स्पेक्ट्रम शीघ्र प्रदान करना प्रमुख मांग है।
Published on:
27 Jul 2018 04:39 pm
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