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हिंदू मंदिर तोडऩे वाले जैन समाज के आरोपी चला रहे साम, दाम, दंड, भेद नाम का ग्रुप, एसपी से शिकायत

कोतवाली थाना क्षेत्र में हिंदू मंदिर को तोडऩे को लेकर हुए विवाद को एक माह बीत गया है, लेकिन मसला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। घटना के बाद पुलिस ने 2 नामजद सहित 50 अन्य के

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सागर

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Madan Tiwari

Feb 07, 2025

- राजनीतिक दबाव में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही पुलिस, पीडि़तों को राजीनामा करने धमका रहे

सागर. कोतवाली थाना क्षेत्र में हिंदू मंदिर को तोडऩे को लेकर हुए विवाद को एक माह बीत गया है, लेकिन मसला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। घटना के बाद पुलिस ने 2 नामजद सहित 50 अन्य के खिलाफ मामला मंदिर में तोडफ़ोड़ व जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज किया था, लेकिन इसमें अब तक केवल एक ही आरोपी की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस की इस कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर घायल हुए खुशाल बाबू जडिय़ा ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाए हैं कि पुलिस राजनीतिक दबाव के कारण आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर रही है और खुलेआम घूम रहे आरोपी उन्हें धमकी देते हुए राजीनामा करने का दबाव बना रहे हैं। शिकायत में आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तारी की मांग की गई है।

पुलिस अधीक्षक से की शिकायत में खुशाल बाबू जडिय़ा ने जैन समाज के 24 लोगों के नाम दिए हैं, जिनमें सागरोदय तीर्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष, सदस्य व समाज के अन्य लोग सहित कोतवाली थाना के पूर्व थाना प्रभारी नवीन जैन का नाम भी शामिल है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 4 जनवरी को मुख्य आरोपी मोनू पुत्र निर्मल जैन के साथ आए लोगों ने मंदिर में तोडफ़ोड़ कर बलवा करते हुए जान से मारने की नियत से उन पर हमला किया था। एक आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद कोतवाली थाना पुलिस ने चिन्हित तक नहीं किया है। आरोपी खुलेआम शहर में घूम रहे हैं और आवेदक व उसके परिवार के साथ गंभीर घटना करने की धमकी देते हुए राजीनामा करने का दबाव बना रहे हैं।

- साम, दाम, दंड, भेद नाम से ग्रुप बनाया

खुशाल बाबू जडिय़ा ने शिकायत में बताया कि आरोपी मोनू जैन व उसके साथियों ने एक स्थान पर 15 दिन में 3 बार संगठित अपराध किया। उनका सोशल मीडिया पर एक ग्रुप भी चल रहा है, जिसका नाम "साम, दाम, दंड, भेद" है। इस ग्रुप में आरोपियों के नाम हैं, जिसके माध्यम से कोतवाली पुलिस घटना कारित करने व कराने वालों को चिन्हित कर मामले की निष्पक्ष जांच कर सकती है, लेकिन स्थानीय नेताओं के दबाब में कार्रवाई नहीं की जा रही है।