किसानों ने आरोप लगाया है कि गौंची, बगसपुर व रामसागर गांव में ग्रामीणों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास नहीं दिए गए हैं। जबकि अन्य कई गांव में लोग आवासों रहने भी लगे हैं। पूर्व जनपद अध्यक्ष इंदर सिंह ने कहा कि इन गांव में कई लोग ऐसे हैं, जो कि कच्चे मकान में रह रहे हैं। इतना ही नहीं मकानों की दीवारंे तक तिरछी हो गई हैं, जिनके गिरने का डर भी हमेशा बना रहता है। यदि मकान गिर जाए तो किसी की जान भी जा सकती है। इसके बाद भी प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। इस दौरान महिलाओं ने गांव के सचिव इशरार खान के ऊपर आरोप लगाया है कि वह कभी गांव नहीं आते हैं, जिससे कई काम प्रभावित हो रहे हैं। आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि साहब यदि अब सचिव गांव आ हे तो हमोरे मार हें, जिसपर अन्य लोगों ने महिलाओं को समझाया और कहा कि इस प्रकार का कदम किसी को नहीं उठाना है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम गौंची में एक भी आवास नहीं मिला है। बारिश में बेतवा नदी में बाढ़ आई थी, तो गांव में घरों में पानी भर गया था, जिससे कई लोग तीन दिन तक सरकारी स्कूल में रुके रहे थे। यदि उनके पक्के आवास होते तो उन्हें परेशान नहीं होना पड़ता। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि आठ दिन के अंदर आवास स्वीकृत नहीं कराए गए, तो सभी लोग आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी।
निराधार हैं आरोप जो भी आरोप लगाए जा रहा हैं वह निराधार हैं। आवास का सर्वे 2018 में किया गया है, मेरी पोस्टिंग उसके बाद हुई है। लाड़ली बहना योजना के तहत गांव में घर-घर जाकर महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया था। इसके बाद भी नहीं पहचानने की बात कर रही हैं।
इशरार खान, सचिव, रामसागर
की जाएगी जांच
गौंची गांव में आवास का लाभ नहीं मिलने व सचिव के गांव नहीं जाने की बात सामने आई है। इस मामले की जांच की जाएगी। राजेश पटैरिया, सीइओ, बीना