
The operated ice factory in the city does not have permission, not action
बीना. गर्मी आते ही शहर में सैकड़ों क्विंटल बर्फ की खपत होने लगी है, लेकिन वह बर्फ खाने लायक नहीं है। यह हम नहीं कह रहे हैं यह बात खुद बर्फ फैक्ट्री मालिक कह रहे हैं जो कि फैक्ट्री के बाहर बोर्ड लगाए हुए हैं कि यहां बनने वाला बर्फ खाने योग्य नहीं है। फिर भी लोग धड़ल्ले से उस बर्फ का उपयोग खाने के लिए कर रहे हैं। गौरतलब है कि शहर में जो भी बर्फ फैक्ट्री संचालित हो रही हैं उन बर्फ फैक्ट्रियों की अनुमति भी नहीं है सभी बर्फ फैक्टियां गैरकानूनी तरीके से चल रही हैं, जिनमें बनने वाला बर्फ लोगों की सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन इसके बाद भी इन बर्फ फैक्ट्रियों को बंद नहीं किया गया है न ही खाद्य विभाग द्वारा इन पर कार्रवाई की जाती है। शहर में प्रतिदिन सैकड़ों क्विंटल बर्फ सप्लाई इन फैक्ट्रियों से किया जाता है। जिसका सीधा उपयोग खाने में भी लिया जा रहा है, लेकिन सवाल यह उठता है कि प्रशासन को खुले आम हो रही बर्फ की बिक्री दिखाई नहीं दे रही है जो कि लोगों को बीमार भी बना सकती है। शहर में संचालित दो बर्फ फैक्ट्रियों की पूरे वर्ष चांदी रहती है क्योंकि न तो इनका कोई रिकॉर्ड अनुमति में दर्ज है न ही फैक्ट्री से होने वाली आय का कोई भी टैक्स जमा करते हैं। यह पूरा खेल प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा है जिसपर जल्द से जल्द रोक लगनी चाहिए।
केवल ठंडक के नाम पर बेचा जाता है बर्फ
शहर में संचालित बर्फ फैक्ट्रियों का बर्फ केवल सडऩे, गलने व खाद्य पदार्थों को ठंडा रखने के नाम से बेचा जाता है, लेकिन इसकी जानकारी उसे खरीदने वाले लोगों के लिए नहीं दी जाती है, जिसका उपयोग छोटे दुकानदार व बर्फ का गोला बेचने वाले लोग खाने के रुप में करते हैं और लोग भी उसे बड़े शौक से खाते हैं। वहीं गर्मी में शहर में संचालित हो रही गन्ने की जूस की दुकानों में भी इसी बर्फ का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है, लेकिन लोग यह नहीं जानते हैं कि इस बर्फ का उनके शरीर के लिए क्या नुकसान हो रहा है।
नही है अनुमति
शहर में जो भी बर्फ फैक्ट्रियां शहर में संचालित हो रही है उनकी अनुमति नहीं है। ऐसा करने वालों पर जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजेश राय, जिला खाद्य अधिकारी, सागर
Published on:
20 May 2019 09:00 am
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
