
सागर. रानी अवंतीबाई लोधी विवि रजौआ गांव में ही बनेगा। जिला प्रशासन की ओर से राजकीय विवि के लिए 79.360 हेक्टेयर जमीन का आवंटन करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने जमीन को लेकर दावे-आपत्ति आमंत्रित करने की प्रक्रिया भी शुरू की है। जिला प्रशासन ने उच्च शिक्षा विभाग को शहर के चारों ओर पांच जमीनें विवि खोलने के लिए बताईं थीं, जिसमें अंतत: रजौआ ग्राम में स्थित जमीन को विवि के लिए उपयुक्त माना गया है। इस बात का खुलासा पत्रिका ने सबसे पहले 19 मई 2024 को ही कर दिया था। दावे-आपत्ति 11 जुलाई तक मान्य होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के बाद से राजकीय विवि के लिए तेजी से प्रयास किए गए हैं। आदर्श आचार संहिता के कारण जमीन आवंटन का मामला करीब ढाई महीने तक अटक गया था, नहीं तो अब तक जमीन आवंटन के साथ ही इसका निर्माण कार्य भी शुरू हो गया होता। विशेषज्ञों की माने तो यदि सब कुछ इसी गति से चला तो अगले तीन महीनों में रानी अवंतीबाई लोधी विवि के भवन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
सागर में मध्य भारत का पहला विवि वर्ष-1946 में स्थापित हो गया था। वर्ष-2009 में डॉ. हरिसिंह गौर विवि को केंद्रीय विवि का दर्जा मिल गया और तभी से स्टेट यूनिवर्सिटी खोले जाने की मांग की जा रही थी। विवि के लिए जमीन आवंटन होने के साथ ही सागर प्रदेश का ऐसा इकलौता जिला बन गया है जहां पर केंद्रीय और राजकीय विवि दोनों हैं।
रानी अवंतीबाई लोधी विवि में मौजूदा शैक्षणिक सत्र-2024-25 के लिए प्रवेश प्रक्रिया भी आयोजित की जा रही है। पहले वर्ष विवि प्रशासन यूजी के 14, पीजी के 5 और डिप्लोमा के 4 पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को प्रवेश भी दे रहा है।
यह पूरे जिले के लिए खुशी की बात है कि प्रशासन ने रजौआ गांव में रानी अवंतीबाई लोधी विवि के लिए 79.360 हेक्टेयर जमीन का आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब आगे की प्रक्रिया भी तेज गति से पूरी की जाएगी। - प्रो. शक्ति जैन, कुलसचिव, रानी अवंतीबाई लोधी विवि सागर
Published on:
16 Jul 2024 09:34 pm
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
