– हर घंटे होगा 15 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन
जानकारी के अनुसार सागर जिले की प्रतिदिन की खपत 50 लाख यूनिट के आसपास है। यदि 1500 मेगावॉट का सौर ऊर्जा प्लांट बनता है तो वह सूर्य की रोशनी की उपलब्धता के हिसाब से प्रतिघंटे 15 लाख यूनिट तक बिजली उत्पन्न कर सकता है। यदि 10 घंटे सूर्य की अच्छी रोशनी मिली तो 1.5 करोड़ यूनिट बिजली एक दिन में प्लांट से बनती। यानी एक दिन में ही तीन माह में खर्च होने बराबर बिजली उत्पादन हो जाता।
– बिजली के साथ रोजगार भी मिलता
जिले में यदि 1500 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्क तैयार हो जाते तो अकेले सागर नहीं बल्कि पूरे संभाग की बिजली की समस्या समाप्त हो जाती। यदि प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि रुचि लेते तो बिजली की समस्या समाप्त हो जाती। वहीं पार्क निर्माण के दौरान करीब 16 हजार लोगों को रोजगार मिलना था और निर्माण के बाद संचालन में भी लगभग 1500 लोगों को स्थाई रोजगार मिलता।
– इन जगहों पर चिन्हित की थी जमीन
– बंडा तहसील के पटौआ गांव में 269.50 हेक्टेयर – बंडा तहसील के चकेरी बिनेका गांव में 218 हेक्टेयर – केसली तहसील के भुसौरा बम्हौरी गांव में 10.62 हेक्टेयर – केसली तहसील के बघवारा किरकोटा गांव में 78.42 हेक्टेयर – देवरी तहसील के पंजरा गांव में 27.57 हेक्टेयर – देवरी तहसील के सुना गांव में 44.51 हेक्टेयर – देवरी तहसील के पुरैनाकरन गांव में 73.05 हेक्टेयर
– गढ़ाकोटा तहसील के बमनौरा गांव में 266.73 हेक्टेयर
– दमोह कलेक्टर ने डिमांड मांगी है
दो-चार दिन पहले दमोह कलेक्टर से मुलाकात कर उनकी मुख्यालय बात कराई थी। 500 मेगावाट का प्लांट लगाने 1000 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि डिमांड भेज दीजिए हम जमीन आवंटित कर देंगे। सागर में अभी कहीं भी जमीन नहीं मिली है। केसली की जमीन का आवंटन दूसरे विभागों को हो चुका है। जैसीनगर के खमकुआं गांव के पास 297 हेक्टेयर जमीन आवंटित होने की प्रक्रिया चल रही है। सत्येंद्र साहू, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी, ऊर्जा विकास निगम