
UGC Net Examination Bothered candidate
सागर. नेट परीक्षा का सेंटर बनने से उत्साहित परीक्षार्थियों को मंगलवार को परीक्षा के दौरान सेंटर पर अव्यवस्थाओं का खामियाजा उठाना पड़ा। नेट परीक्षा यूजीसी द्वारा निर्धारित सेंटर के प्रबंधन की अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई। ऑनलाइन परीक्षा के दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत कम्प्युटर की छोटी स्क्रीन के कारण हुई। बड़े सवालों को समझने में परीक्षार्थियों को बार-बार कर्सर और स्क्रीन को ऊपर-नीचे करना पड़ा जिससे उनका समय नष्ट हुआ और वे तय समय में सवालों के जवाब देने से चूक गए, जिसको लेकर परीक्षा के बाद वे चर्चा करते नजर आए। लेकिन उनकी परेशानियों को दूर करने कोई जिम्मेदार सामने नहीं आया।
अब तक नेट परीक्षा के लिए शहर में सेंटर नहीं बनाए जाते थे जिससे परीक्षार्थियों को भोपाल-इंदौर, ग्वालियर-जबलपुर या अन्य शहरों तक आना-जाना पड़ता था। इसको लेकर लंबे समय से शहर में नेट परीक्षा का सेंटर बनाने की मांग की जा रही थी। पिछले दिनों यूजीसी द्वारा शहर के एक कॉलेज में नेट परीक्षा के लिए सेंटर बनाया तो सागर सहित अंचल व आसपास के जिलों के परीक्षार्थियों में भी उत्साह था।
नेट परीक्षा के लिए तय सेंटर पर दो पारियों में २५०-२५० परीक्षार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा दिलाने की व्यवस्था की गई थी। मंगलवार को नेट परीक्षा की पहली पारी सुबह ९ बजे से जबकि दूसरी पारी दोपहर १ बजे से हुई। पहली पारी की परीक्षा दो भाग में हुई जिसके एक घंटे के पहले चरण में ५० सवाल जबकि दो घंटे के दूसरे भाग में १०० प्रश्नों का ऑनलाइन जवाब परीक्षार्थियों द्वारा दिया गया। दूसरी पारी की परीक्षा दोपहर १ बजे से शाम ६ बजे के बीच संपन्न हुई।
प्रबंधन का रवैया भी गैरजिम्मेदार
यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) द्वारा आयोजित नेट परीक्षा (नेशनल एज्युकेशनल टेस्टिंग) के लिए इस बार भले ही शहर में सेंटर बनाया गया पर परीक्षा की कमान निजी संस्थान को सौंपने से मामला गड़बड़ा गया। ऑनलाइन परीक्षा के लिए समुचित संसाधन न होने और छोटे स्क्रीन वाले कम्प्युटर रखे गए थे जिस वजह से परीक्षार्थी निर्धारित समय में सभी सवालों को समझकर उनका सटीक हल देने में असुविधा का शिकार होते रहे। मकरोनिया स्थित जिस एसएससी जैन कॉलेज को सेंटर बनाया गया था वहां अव्यवस्था के कारण पहुंचने वाले परीक्षार्थी भी परेशान हुए।
ये बोले परीक्षार्थी
०१.परीक्षा देकर बाहर निकले अशीष मिश्रा और राहुल हर्षे ने बताया कि वैसे तो उनकी परीक्षा ठीक रही लेकिन सेंटर पर कुछ असुविधा के कारण दिक्कत आई। बड़े सवालों को पूरा पढऩे के लिए उन्हें बार-बार कर्सर का उपयोग करना पड़ा।
०२.केंद्रीय विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रही दिल्ली की अंजली गुप्ता का कहना था कि छोटे स्क्रीन ऑनलाइन परीक्षा में दिक्कत बने। पिछली बार तो उन्होंने एग्जाम पास कर लिया था लेकिन इस बार उम्मीद कम ही है।
०३.विवि से एमएससी पाठ्यक्रम की छात्रा अपूर्वा सिंह निवासी गोरखपुर ने बताया कि पिछली बार उन्होंने जो परीक्षा दी थी वो ज्यादा सटीक थी, इस बार स्क्रीन के कारण उनका प्रदर्शन गड़बड़ा सकता है।
०४ .वेस्ट सिक्किम से केंद्रीय विवि में रहकर फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई कर रही श्वेता प्रधान ने भी छोटे कम्प्युटर स्क्रीन और बड़े प्रश्नों की कठिनाइयां गिनाईं। उन्होंने कहा सेंटर बनाने से पहले इस तरह की दिक्कतों को दूर करना चाहिए।
Published on:
19 Dec 2018 02:39 pm
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