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आंख में खराबी का खामियाजा भुगत रहे युवा, नहीं बन रहा आधार कार्ड

आधार न होने से परेशान हो रहे दिव्यांग, शासकीय योजनाओं के लाभ से भी हैं दूर, जबकि यूआइएडीआई द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर में व्यक्ति की आंख, हाथ या फिर दोनों न होने की स्थिति में भी आधार बनाने का विकल्प है।  

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UIADI : Handicapped not getting benefits of Schemes without Aadhar Car

UIADI : Handicapped not getting benefits of Schemes without Aadhar Car

सागर. शहर में संचालित आधार कार्ड बनाने वाले कुछ संचालक उलझनों से बचने के लिए आंख या हाथ से दिव्यांग लोगों के आधार कार्ड बनाने से मनाही कर रहे हैं। इस बात की पुष्टि पुरव्याऊ व सबूदार वार्ड निवासी दो युवक कर रहे हैं। दोनों ही युवा आंख में खराबी होने का खामियाजा भुगत रहे हैं। युवाओं का कहना है कि वे करीब एक साल पहले आधार कार्ड बनवाने के लिए शहर के दो से तीन सेंटर्स पर गए थे, लेकिन संचालक ने आंख की रेटिना स्केन न होने का बहाना बनाते हुए आधार कार्ड बनाने से इनकार कर दिया। जबकि यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइएडीआई) द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर में व्यक्ति की आंख, हाथ या फिर दोनों न होने की स्थिति में भी आधार बनाने का विकल्प है। यह तो वे युवा हैं जो सामने आकर अपनी बात रख रहे हैं, लेकिन जिले में एेसे सैकड़ों दिव्यांग होंगे जो आधार कार्ड न होने के कारण शासन की योजनाओं से वंचित होंगे।

नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ

केस-1

शासन दिव्यांग बच्चों को शासकीय योजनाएं संचालित कर रही है, लेकिन शहर के पुरव्याऊ निवासी 22 वर्षीय दिलीप नामदेव ने बताया कि उनका आधार कार्ड न होने के कारण उन्हें शासन की किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। दिलीप ने बताया कि उन्होंने दो-तीन बार आधार कार्ड बनावने का प्रयास किया, लेकिन संचालक ने मना कर दिया।

केस-2

इसी प्रकार की समस्या से सूबेदार वार्ड निवासी 27 वर्षीय बिज्जन अहिरवार भी जूझ रहा है। बिज्जन ने बताया कि वह शहर परिजनों की मदद से शहर में संचालित आधार कार्ड बनाने वाले सेंटर्स गया, लेकिन आंख में खराबी होने का कहते हुए संचालक ने आधार बनाने से मना कर दिया।

बिना रेटिना और फिंगरप्रिंट के भी बन सकता है आधार

यूआइएडीआई की अधिकृत वेबसाइट और शहर में आधार कार्ड बनाने का काम करने वाले संचालकों का कहना है कि आधार कार्ड बनाने के लिए यह जरूरी नहीं है कि संबंधित व्यक्ति/युवा की आंखे, फिंगरप्रिंट सही आएं। यदि किसी की आंख किसी की आंख में खराबी है तो अकेले फिंगरप्रिंट स्केन करके या किसी के हाथ में खराबी है तो आंख की रेटिना स्केन करके भी आधार बनाया जा सकता है। इसके लिए आधार बनाते समय विकल्प का चयन व्यक्ति को देखकर किया जाता है। इतना ही नहीं यदि कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त है तो रेटिना और फिंगरप्रिंट के बिना संबंधित की फोटो और दिव्यांग के प्रमाणपत्र के माध्यम से भी आधार कार्ड बन जाता है।