
सागर. मप्र सरकार के नेशनल हेल्थ मिशन बुलेटिन में भ्रामक आंकड़े दिए जा रहे हैं। इसका खुलासा अंतरा योजना में दर्ज जानकारी से हुआ है। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा बच्चों में अंतर रखने के लिए 30 अगस्त से अंतरा योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत महिलाओं को हर तीन महीने में यह इंजेक्शन लगाया जाना है। पहला डोज लगने के बाद दूसरा डोज तीन महीने बाद ही लगेगा। योजना को शुरू हुए सिर्फ छह महीने हुए हैं, यानी दो डोज से ज्यादा किसी महिला को नहीं लगाए जा सकते। लेकिन जिलों से भेजी गई जानकारी के आधार पर हेल्थ बुलेटिन में तीसरा और चौथा डोज तक लगाए जाने की जानकारी दर्शाई गई है।
हेल्थ बुलेटिन अप्रैल-नवम्बर 2017-18 की रिपोर्ट में अंतरा योजना के तहत 16 जिलों ने गलत जानकारियां भेजी हैं। इसमें सबसे आगे इंदौर जिला है। यहां तीसरा डोज 175 और चौथा डोज 1778 को लग चुका है। सागर की बात करें तो २ को तीसरा और 111 को चौथा डोज लगाना दर्शाया गया है। वहीं रीवा, मंडला, खंडवा, राजगढ़, सतना, शाजापुर, उज्जैन, उमरिया और विदिशा ने महिलाओं को आंकड़ों में तीसरे से पहले चौथा डोज लगवा दिया।
केंद्र को भेजी जाती है यही जानकारी
नेशलन हेल्थ बुलेटिन केवल प्रदेश सरकार तक ही सीमित नहीं है। इसकी जानकारी केंद्र सरकार को भी देनी पड़ती है। पिछले साल की यह रिपोर्ट केंद्र को भेजी जा चुकी है। हैरानी की बात यह है कि अभी तक जिम्मेदारों की नजर इस गलती पर नहीं पड़ी है। स्टेट एचएमआईएस की वेबसाइट पर यह भ्रामक जानकारी शो हो रही है।
बुलेटिन के दूसरे आंकड़ों में भी संदेह
इस बुलेटिन में अंतरा प्रोग्राम के अलावा फैमिली वेलफेयर, मेटरनल एंड चाइल्ड केयर प्रोग्राम, इनफेंट एंड चाइल्ड इमुनाइजेशन और चाइल्ड एंड अदर प्रोग्राम की जानकारियां भी भेजी जाती हैं। इसमें प्रदेशभर के आंकड़े होते हैं। एेसे में अन्य प्रोग्राम के आंकड़े भी भ्रामक होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
...क्या बीएमओ नहीं ले रहे गंभीरता से
जिलों में सरकारी रिपोर्ट मांगने पर कोई भी कॉलम खाली नहीं जाना चाहिए। शायद इसी तर्ज पर स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी-अधिकारी काम कर रहे हैं। देखा जाए तो रिपोर्ट सही या गलत भरी जा रही है, इसकी मॉनीटरिंग की पूरी जिम्मेदारी बीएमओ की होती है, लेकिन यह काम डाटा एंट्री ऑपरेटरों के भरोसे छोड़ा जा रहा है।
Published on:
28 Jan 2018 06:48 pm
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