
Upgradation of DNA unit in Forensic science sagar
सागर. महिला संबंधी अपराधों की विवेचना की रफ्तार को अब और भी गति मिलेगी। ऐसा केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्भया कोष से स्वीकृत 8.66 करोड़ रुपए की राशि की मदद से संभव होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गत दिवस स्वीकृति के बाद मप्र फॉरेंसिक लैब को 4.33 करोड़ रुपए की राशि आवंटित भी कर दी है। इस राशि से एफएसएल सागर में डीएनए यूनिट का उन्नयन किया जाएगा और भोपाल में स्थापित हो रही रीजनल लैब में नई यूनिट शुरू होगी। विगत दिवस केंद्रीय गृह मंत्रालय से निर्भया कोष से राशि आवंटित होने के बाद अब जल्द ही डीएनए यूनिट के उन्नयन के लिए उपकरण खरीदे जाएंगे।
राज्य न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर में प्रदेश की इकलौती डीएनए यूनिट संचालित है। यहां हर महीने 800 से ज्यादा सैंपल डीएनए परीक्षण के लिए आते हैं, इनमें भी अस्सी फीसदी से ज्यादा सैंपल केवल बलात्कार जैसे महिला संबंधी अपराधों के होते हैं। लेकिन संसाधन क्षमता से ज्यादा सैंपल पहुंचने के कारण शत-प्रतिशत परीक्षण नहीं हो पाते और पेंडेंसी बढ़ती जाती है। कुछ प्रकरणों की पुलिस विवेचना भी केवल डीएनए सैंपल की रिपोर्ट समय पर नहीं आने से पिछड़ जाती है। इस स्थिति को देखते हुए ही केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्भया कोष बनाया गया है। इस कोष से महिला अपराधों की जांच के लिए अनिवार्य संसाधन जुटाने के लिए राज्य सरकारों को बजट आवंटित किया जाता है।
केंद्रीय अफसरों ने की सराहना
निर्भया कोष आवंटन को लेकर हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने फॉरेंसिक लैब में किए गए परीक्षण की सटीक रिपोर्ट और लगातार पेंडेंसी घटाने के प्रयासों की सराहना की। एडीजी तकनीकी डीसी सागर, एफएसएल डायरेक्टर डॉ.हर्ष शर्मा व डीएनए यूनिट प्रभारी डॉ.अनिल ङ्क्षसह ने इस मौके पर एफएसएल के संबंध में भी प्रजेंटेशन दिया।
डीएनए जांच के लिए बढ़ेंगे संसाधन
प्रदेश में फिलहाल सागर एफएसएल में ही डीएनए यूनिट संचालित है जहां विभिन्न आपराधिक वारदातों में लिए गए सैंपल यहां परीक्षण के लिए आते हैं। लेकिन एक महीने 800 से 1000 सैंपल आने से उनका परीक्षण समय पर नहीं हो पाता। इस वजह से गत वर्ष भोपाल में निर्माणाधीन रीजनल लैब में डीएनए यूनिट शुरू करने की तैयारी की जा चुकी है। अब निर्भया कोष से बजट मिलने से डीएनए यूनिट के लिए उपकरण और संसाधन जुटाकर भोपाल में अगले एक-दो महीनों में डीएनए यूनिट शुरू करने की तैयारी गृह मंत्रालय कर रहा है।
पहले चरण में मिले 4.33 करोड़ रुपए
एफएसएल डायरेक्टर डॉ.हर्ष शर्मा के अनुसार मप्र फॉरेंसिक लैब की परीक्षण और परीणाम को लेकर देश भर में सराहना की जाती है। फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट अब तक कई मामलों में आरोपियों को जेल भेज चुका है। एफएसएल सागर को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने निर्भया कोष के तहत 8.66 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इसमें से पहले चरण में 4.33 करोड़ रुपए की राशि का आवंटन भी कर दिया गया है। इस राशि से डीएनए यूनिट के उन्नयन के लिए उपकरण और संसाधन बढ़ाए जाएंगे।
Published on:
06 May 2019 07:01 am
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