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राम राजा के दरबार में तोड़ रहे वर्षों पुरानी परंपरा, 151 रुपए में वीआईपी दर्शन की सुविधा

ओरछा मंदिर में राम राजा के सामने भी वीआईपी बनेंगे भक्त

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सागर

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Ravi Kant Dixit

Jan 02, 2018

vip darshan ram raja temple in orchha

vip darshan ram raja temple in orchha

विवेक गुप्ता. टीकमगढ़। ओरछा के रामराजा मंदिर में अब 151 रुपए देकर वीआईपी दर्शन किए जा सकेंगे। मंदिर प्रशासन ने सोमवार से यह व्यवस्था शुरू कर दी है। जिस मंदिर में वीआईपी को भी सामान्य तौर पर दर्शन कराने की पुरानी परंपरा है, उसे तोड़कर अब आम और खास का भेद खड़ा किया जा रहा है। इसी के साथ मंदिर में राजभोग प्रसाद को 151 रुपए में भक्तों को दिए जाने की व्यवस्था शुरू की है। दोनों व्यवस्थाओं में पहले दिन जहां 60 श्रद्धालुओं ने थाली का प्रसाद लिया, वहीं करीब 200 लोगों ने 151 रुपए की रसीद लेकर राम राजा के दर्शन किए।

1575 में बने इस मंदिर में किसी को भी विशेष का दर्जा नहीं दिए जाने की परंपरा रही है। मंदिर में केवल राम ही विशेष हैं। यहां आने वाले किसी भी अधिकारी और राजनेता को केवल प्रजा के रूप में ही आना होता है, लेकिन इस नई परंपरा को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। वीआईपी दर्शन में दर्शनार्थी को मंदिर के आंगन में सीधे प्रवेश करते हुए भोजन शाला के बगल के कक्ष से चौक में ले जाकर दर्शन कराए जा रहे हैं।

यहां के राजा हैं राम, मिलता है गार्ड ऑफ ऑनर
भगवान राम के लिए कहा जाता है कि वे ओरछा के राजा हैं और बाल स्वरूप में आए हैं, इसलिए उन्हें रामलला भी कहा जाता है। परंपरा के हिसाब से उन्हें दिन में चार बार गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। मंदिर की परंपरा के हिसाब से यहां कोई भी वीआईपी नहीं होता है। जो भी दर्शन करने आता है, उसे सामान्य दर्शनार्थी के रूप में दर्शन करने होते हैं। यहां तक कि लालबत्ती लगी गाड़ी भी मंदिर तक नहीं जाती। वीवीआईपी का हेलीकॉप्टर ओरछा की सीमा में नहीं उतरता है।

ऐसी है दर्शन की व्यवस्था
मंदिर में भगवान राम के बाएं पैर के अंगूठे को देखकर दर्शन किए जाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि मान्यता के हिसाब से राम ओरछा के राजा हैं और राजा से सीधे आंखें मिलाने की पंरपरा नहीं है। इसलिए सभी श्रद्धालु सामान्य बनकर दर्शन के लिए आते हैं।

यह कोई वीआईपी व्यवस्था नहीं है। लोगों की सुविधा के लिए त्वरित दर्शन कराए जा रहे हैं। देश के विशिष्ट मंदिरों में ऐसी व्यवस्था है। फीडबैक के आधार पर इसमें सुधार किया जाएगा।
अभिजीत अग्रवाल, कलेक्टर

राम यहां पर राजा हैं, यहां कोई भी वीआईपी नहीं होता है। यह परंपरा के खिलाफ है। मेरे जीवन में यह पहली दफा है जब मंदिर को सामान्य और वीआईपी दर्शनार्थियों में बांटा जा रहा है।
जगदीश तिवारी, स्थानीय निवासी