
Cabinet minister who arrived from the bike after meeting the family of the deceased farmer
सागर. बुंदेेलखंड में सूखे के हालात कोई अब से नहीं पिछले एक अरसे से बन रहे हैं। इस वजह से इस अंचल में जलसंकट, बेरोजगारी, पलायन करने के लिए लोगों को मजबूर होना पड़ रहा है। इस बार हालात और भी बिगड़ गए हैं। कम वर्षा के चलते सागर जिले सहित संभाग की पांचों जिलों में को सूखा घोषित किया गया है जिसमें सागर, दमोह व टीकमगढ़ जिले में गंभीर हैं। यहां 50 प्रतिशत से ज्यादा सूखा का प्रतिशत आने की संभावना है, जबकि सामान्य सूखा में 33 प्रतिशत माना जा रहा है। इसको लेकर राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव अरुण पाण्डेय ने पत्र भेजकर सात बिंदुओं पर 20 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा अनुमानित फसल क्षति सर्वे व विस्तृत सर्वे 31 अक्टूबर तक बुलाई गई है।
बेरोजगारी से पलायन की आशंका
बुंदेलखंड में बड़ा उद्योग न होने से मजदूर वर्ग पलायन करने मजबूर होता है। अब सूखे से भी और पलायन के हालात बन सकते हैं। पशुधन भी सूखे की चपेट में आ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चारा और भूसे की कमी अभी से दिखाई देने लगी है। गर्मी का मौसम आते-आते यह यह गंभीर रूप लेगा। इसका असर वन्य जीवन पर भी पड़ेगा। वन्य प्राणियों के लिए पानी उपलब्ध कराना वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी।
संभाग की ये तहसीलें सूखा घोषित
सरकार ने सागर की 11, छतरपुर की 11 दमोह की 7, पन्ना की 9,टीकमगढ़ की 10 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया है, जिसमें सागर जिले की सागर, खुरई, बन्डा, रहली, गढ़ाकोटा, बीना, देवरी, केसली, राहतगढ़, मालथौन, शाहगढ़, दमोह जिले की दमोह, बटियागढ़, हटा, जवेरा, पथरिया, तेंदूखेड़ा व पटेरा, छतरपुर जिले की छतरपुर, नौगांव, राजनगर, लौड़ी, गौरिहार, बड़ा मलहरा, विजावर, बकस्वाहा, चंदला, घुवारा, महाराजपुर, टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़, बल्देवगढ़, जतारा, पलेरा, पृथ्वीपुर, निवाड़ी, ओरछा, खरगापुर, मोहनगढ़ व लिधौर, पन्ना जिले की पन्ना, अजयगढ़, गुनौर, पवई, शाहनगर, रैपुरा, अमानगंज, देवेन्द्र नगर और सिमरिया तहसील शामिल हैं।
प्रत्येक गांव के 5-5 खेतों में होगा सत्यापन
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए गए थे, उसके अनुसार कलेक्टर को २० अक्टूबर तक जानकारी देना है। बताया जा रहा है कि सूखे की स्थितियों को जानने के लिए मौका सत्यापन एप के माध्यम से किया जाएगा। प्रत्येक राजस्व ग्राम में मुख्य फसल अनुसार ५-५ खेतों में सर्वे होगा। एक एकड़ से कम के खेत का सर्वे मौका सत्यापन नहीं होगा।
ये हैं 7 बिंदू
सूखे को लेकर सरकार समेत जिला प्रशासन हरकत में है। प्रमुच सचिव ने कलेक्टर को भेज पत्र में सूखा राहत के लिए सात बिंदुओं में तमाम जानकारियां राजस्व विभाग के निर्धारित फार्मेट में भेजने को कहा है। जिसके तहत कृषि क्षेत्र का आंकडे, फसल बुआई सामान्य व वास्तविक आंकड़ा, जिले में चारे की उपलब्धता, टैंकर के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति, अस्थाई जल आपूर्ती व स्रोतों पर व्यय, मजदूरी, रोजगार व पलायन, फसल क्षति का पत्रक शामिल हैं।
Published on:
14 Oct 2017 01:28 pm
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