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ठड़ी हवाओं से मौसम सर्द, ओलों ने किया बेहाल

मालवांचल में इंदौर समेत कई क्षेत्रों में बुधवार को देर तक रिमझिम बारिश हुई, जिससे पारा गिर गया। उधर, कटनी, सतना और पन्ना में गाज गिरने से पांच की मौत हो गई।

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Khandwa Online

Oct 29, 2015

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(फोटो कैप्शन:शिवपुरी में ओले गिरने के बाद कुछ ऐसा था नज़ारा।)
सागर। टीम पत्रिका. कर्ज और बर्बाद फसल से आहत किसान को बेमौसम बारिश और ओलों ने भी बेहाल कर दिया। बुधवार को अशोनगर, ग्वालियर-चंबल संभाग और महाकौशल में हुई ओलावृष्टि से धान समेत अन्य खड़ी फसलें खेत में ही बिछ गईं। मालवांचल में इंदौर समेत कई क्षेत्रों में बुधवार को देर तक रिमझिम बारिश हुई, जिससे पारा गिर गया। उधर, कटनी, सतना और पन्ना में गाज गिरने से पांच की मौत हो गई।

ठड़ी हवाओं से मौसम सर्द
सागर संभाग में बुधवार को कई जगह बारिश के साथ ओले गिरे। सागर में दिनभर ठंडी हवाओं से मौसम सर्द रहा। जिससे लोग ठिठुर उठे। रात 8 बजे शहर के कई इलाकों में तेज बारिश हुई। आसपास के ग्रामीण इलाकों मालथौन, खुरई, बीना में ओले गिरे। इससे तापमान में 4.4 डिग्री की गिरावट आई।

छतरपुर, टीकमगढ़
छतरपुर में पिछले चौबीस घंटे में जिले में 5.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। ग्रामीण इलाकों में भी कई जगह बारिश हुई। जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे। छतरपुर में 10.6 मिमी, बकस्वाहा में 11.2 मिमी, बिजावर में 8 मिमी, नौगांव में 5 मिमी, राजनगर में 4.6, लवकुशनगर 2 मिमी बारिश हुई। इधर, टीकमगढ़ में बुधवार की शाम मौसम में बदलाव आया और 6.30 बजे से करीब 15 मिनट झमाझम बारिश के साथ ओले गिरे। ओरछा में 30 मिनट तक वर्षा के साथ 50 से 100 ग्राम वजनी ओले गिरे। किसानों के अनुसार इससे सब्जी को नुकसान हुआ है वहीं रबी की फसल को फायदा हो सकता है।

दमोह
महाकोशल में बुधवार को ओला, बारिश और तेज हवाओं से जनजीवन प्रभावित हुआ। कटनी में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। दमोह के बटियागढ़, पथरिया, दमोह तहसील के गांव में ओलावृष्टि हुई। ओलों के कारण कई मकानों के खप्पर टूट गए।

शिवुपुरी
मंगलवार-बुधवार की दरमियानी ग्वालियर- चंबल संभाग में आधा घंटे तक ओलावृष्टि हुई। शिवपुरी में कई जगह पुराने पेड़ उखड़ कर गिर गए। शिवपुरी विकासखंड के आसपास 7 गांव में टमाटर की पैदावार पूरी तरह से नष्ट हो गई।
अधिकतम तापमान 4.4 डिग्री गिरा
सुबह से ही बादल छाए रहने से मौसम ठंडा था। दिन भर सर्द हवाएं चलीं। लेकिन शाम को कई जगह गरज-चमक के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई। आसपास के इलाकों में ओले गिरे। सागर में 7. 8 मिलीमीटर दर्ज की गई। अधिकतम तापमान में 4.4 डिग्री व न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट आ गई। इससे दिन में चल रहे पंखे बंद हो गए। लोग रात में गर्म कपड़े पहनकर निकले। छोटे बच्चों को भी सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहना दिए।

इसलिए गिरे ओले
भोपाल मौसम केंद्र निदेशक डॉ. अनुपम काश्यपि ने बताया कि अरब सागर से बड़ी मात्रा में नमी आ रही है, जिसके कारण पश्चिमी मप्र में ऊपरी हवा का चक्रवात 1.5 किमी ऊंचाई पर है। जम्मू कश्मीर में बने पश्चिमी विक्षोभ का असर भी है। इसलिए उप्र से लगे मप्र के इलाकों में बारिश और ओले की स्थिति बन सकती है।

आज यहां ओलावृष्टि की आशंका
मौसम विभाग ने गुरुवार को चंबल, ग्वालियर संभाग, श्योपुर, दतिया, सागर, रीवा संभाग, शहडोल संभाग के उत्तरी हिस्से में ओलावृष्टि की आशंका जताई है।

कल से राहत संभव
मौसम के मिजाज में शुक्रवार से कुछ परिवर्तन होने की संभावना है। इंदौर, भोपाल संभाग में बादल छंटना शुरू हो गए हैं, यहां गुरुवार से राहत मिल सकती है। उत्तर पश्चिम मप्र में शुक्रवार से धीरे-धीरे बादल छंटने की उम्मीद है। बादल छंटने के बाद धीरे-धीरे तापमान में गिरावट होगी।

किसानों के लिए अमृत
सागर. सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए यह बारिश अमृत के समान है। कृषि उप संचालक नामदेव हेडाउ के अनुसार खरीफ की फसल चौपट होने के बाद रबी की फसल की बोवनी किसानों ने शुरू नहीं की थी। बुधवार को ग्रामीण इलाकों में हुई बारिश से खेतों में नमी बन सकती है। तीन दिन तक यदि मौसम ऐसा ही रहा तो किसानों को रबी की बोवनी करने में आसानी होगी। इस बारिश से पलेवा लगाने में पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। किसान रबी की बोवनी कर सकते हैं।

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