यह हो रहीं परेशानियां-
-शहर की 80 प्रतिशत आबादी प्लेटफार्म नंबर- 2 के बाहर से ही रेलवे स्टेशन से आना-जाना करती है, एफओबी बंद होने से उन्हें परेशानियां हो रहीं हैं। -शौचालय, नल, प्रतिक्षालय, उबड़-खाबड़ फर्श से यात्रियों के साथ रोज हादसे हो रहे हैं। -पार्किंग ठेका बंद होने व वाहनों के बेतरतीब खड़े रहने से विवाद की स्थिति बन रही है।
34 साल से प्लेटफार्म की संख्या बढ़ाने की मांग-
प्लेटफार्म नंबर- 2 की तरफ माल गोदाम शिफ्ट होने के बाद यहां प्लेटफार्म नंबर- 3 व 4 का निर्माण कार्य किया जा रहा है। समय पर कार्य पूरा हो तो यात्री ट्रेनों का आउटर पर खड़े रहना बंद हो जाएगा, इसका असर 33 यात्री ट्रेनों के हजारों यात्री को होगा। 1991 से लगातार सागर में 2 और प्लेटफार्म की मांग की जा रही थी।
समय पर होता कायाकल्प तो बदल जाती सूरत-
2022 से सागर रेलवे स्टेशन पर 22 करोड़ रुपए के कायाकल्प कार्य कई बार एक्सटेंशन देने के बाद भी अधूरे बने हुए हैं। कार्य पूरी होते तो सागर रेलवे स्टेशन की सूरत बदल जाती। परिसर चारों तरफ से खुदा पड़ा है, शौचालय व वेटिंग रूम की स्थिति खराब है। मुख्य द्वार भी जर्जर हालत में है और हर दिन यात्रियों के साथ दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। अधिकारी सिर्फ निर्देश और फटकार लगाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं।
दोगुना हो जाएगी एफओबी की चौड़ाई-
प्लेटफार्म नंबर- 1 व 2 बीच बना एफओबी 7 माह से बंद है, जिसे अब प्लेटफार्म नंबर- 1 के बाहर से प्लेटफार्म नंबर-2 के बाहर तक दोगुनी चौड़ाई में बनाया जा रहा है। सिटी तरफ से जाने वाले यात्री प्लेटफार्म के अलावा प्लेटफार्म नंबर- 1 के बाहर भी आना-जाना कर सकेंगे। एफओबी निर्माण में देरी पहले हो चुकी है, समय पर निर्माण हो तो लोगों को राहत मिलेगी। -निमार्ण कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, सागर रेलवे स्टेशन पर कार्य पूरा होने के बाद परिसर में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। 2 नए प्लेटफार्म बनेंगे, एफओबी भी और अधिक चौड़ाई में बनाया जा रहा है।
हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ जबलपुर मंडल।