
( Bharat Band ) आरक्षण में उप वर्गीकरण के विरोध में आज भारत बंद का आह्वान बसपा की ओर से किया गया है लेकिन अब सपा और असपा समेत भीम आर्मी भी इस आंदोलन में कूद पड़ी है। अजाद समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने कहा है कि वो दलितों के साथ हैं और इस भारत बंद में साथ खड़े हैं। इस ऐलान के बाद प्रशासन ने कमर कस ली है। एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने कहा है कि देहरादून रोड स्थित दलित छात्रावास से पुलिस लाइन और कलेक्ट्रेट तक भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
बंद को सफल बनाने के लिए मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारियों की एक मीटिंग जनकपुरी चौक स्थित पार्टी कार्यालय पर हुई। यहां जिलाध्यक्ष जनेश्वर प्रसाद कहा कि पार्टी सुप्रीमो मायावती ( Mayawati ) की ओर से बंद की कॉल की गई है लेकिन अब अनेक पार्टियों और संगठनों का समर्थन मिल रहा है। आजाद सामाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के अलावा अन्य संगठन भी इ बंद का समर्थन कर रहे हैं। तय हुआ कि बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता 21 अगस्त को सुबह 11 बजे पार्टी कार्यालय पर इकट्ठा होंगे और फिर घंटाघर से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा।
भारत बंद का समर्थन करने वाले संगठन एक तरह से भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के खिलाफ लामबंद होंगे। भारत बंद ( Bharat Band ) में खड़े होने वाले संगठनों का सीधा आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण ( Reservation ) को खत्म कर देना चाहती है। अब जो आरक्षण में वर्गीकरण की बात कही जा रही है वह उसी का हिस्सा है। यह पहली सीढ़ी है अगर अभी मिलकर आवाज नहीं उठाई गई तो आने वाले समय में आरक्षण को समाप्त कर दिया जाएगा। इसलिए सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है।
दरअसल एससी एसटी ( SC/ST ) आरक्षण पर एक अहम फैंसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमीलेयर बनाए जाने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने अपने फैंसले में कहा है कि आरक्षण में उसे प्राथमिकता दी जाए जिसे इसकी आवश्यकता है। ऐसे लोगों को आरक्षण में प्राथमिकता मिलने से आरक्षण का लाभ उसके हकदारों तक जल्द पहुंचेगा। अदालत ( Supreme Court Order ) के इसी ऑर्डर के विरोध में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने आस्तीनें चढ़ा ली और पूरे देश में 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भारत बंद की कॉल कर दी। अब अलग-अलग संगठन भी इस बंद में कूद पड़े हैं।
सहारनपुर ( Saharanpur ) में बंद का कोई खास असर दिखने वाला नहीं है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि पुलिस प्रशासनिक अफसरों का ही कहना है कि सहारनपुर में बंद जैसी कोई कॉल नहीं है। जो संगठन इस कॉल का समर्थन कर रहे हैं वो प्रदर्शन करेंगे और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन सौपेंगे। इसके लिए शहरी क्षेत्र के अंदर पूरी तैयारी कर ली गई है। दलित छात्रावास से लेकर जनकपुरी चौक तक, जनकपुरी चौक से लेकर घंटाघर तक और घंटाघर से लेकर कलेक्ट्रेट तक भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। अगर प्रदर्शन के दौरान कोई भी प्रदर्शनकारी कानून तोड़ने की कोशिश करता है तो सख्ती से निपटा जाएगा।
Updated on:
21 Aug 2024 08:27 am
Published on:
21 Aug 2024 08:25 am
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