9 मई को जब मल्हीपुर रोड पर महाराणा प्रताप जयंती का प्रोग्राम चल रहा था उसी दौरान महाराणा प्रताप भवन से कुछ ही कदमों की दूरी पर रामनगर गांव में भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष कमल वालिया के छोटे भाई सचिन वालिया की संदिग्ध हालातों में गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सचिन के परिजनों और भीम आर्मी के पदाधिकारियों समेत दलित समाज के लोगों ने जिला अस्पताल में हंगामा कर दिया था और इस घटना के लिए क्षत्रिय समाज के लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया था कि महाराणा प्रताप जयंती समारोह में आए हुए लोगों ने ही गोली मारकर सचिन की हत्या की है। पिछले वर्ष 9 मई को सहारनपुर जातीय हिंसा की आग में जल उठा था और एक बार फिर से 9 मई को ही हुई इस घटना ने सहारनपुर के हालात खराब कर दिए थे। आनन-फानन में पूरे जिले में पैरा मिलिट्री फोर्स लगा दी गई थी और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। रामनगर गांव में 9 मई से अब तक पैरामिलिट्री फोर्स तैनात है और हालात सामान्य नहीं हुए हैं। सहारनपुर एसएसपी बबलू कुमार 9 मई से ही इस पूरी घटना को संदिग्ध मानकर चल रहे थे, बावजूद इसके दलित समाज के लोगों के बढ़ते हंगामे और दबाव को देखते हुए पुलिस को इस मामले में मुकदमा दर्ज करना पड़ा था। अब जांच के बाद जो घटना सामने आई है वह बेहद चौका देने वाली है।
सूत्रों के मुताबिक अब से कुछ ही देर में सहारनपुर एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह इस पूरे मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और इस दौरान बताया जाएगा कि किस तरह से उस दिन एक कमरे के अंदर सचिन को गोली लगी थी। बताया जा रहा है कि पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो उस दिन उस कमरे में मौजूद था जहां सचिन को गोली लगी थी। इस व्यक्ति ने इस पूरी घटना का खुलासा कर दिया और जब पुलिस ने से पूछताछ की तो इसने बेहद चौंका देने वाली बातें बताई। इस कमरे में जिस वक्त सचिन को गोली लगी उस वक़्त करीब 8 लोग मौजूद बताए जा रहे हैं। सचिन की मौत कैसे हुई और कैसे उसको गोली लगी थी इसका आधिकारिक रूप से तो खुलासा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही होगा लेकिन अभी तक पुलिस सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक उस दिन सचिन अपने दोस्तों के साथ रामनगर गांव में ही एक कमरे में मौजूद था और यहां पर तमंचे को चेक करते हुए गोली चल जाने से सचिन की मौत हो गई थी। इस पूरी दुर्घटना को सचिन के परिजनों और भीम आर्मी ने हत्या का रूप देने की कोशिश करते हुए जमकर हंगामा करते हुए क्षत्रिय समाज के लोगों पर सचिन की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया था। भीम आर्मी इस अपने इरादों में कामयाब भी हो गई थी लेकिन सहारनपुर एसएसपी बबलू कुमार शुरू से ही इस पूरे मामले को संदिग्ध मानकर चल रहे थे और इस पूरे घटनाक्रम की जांच वैज्ञानिक तरीके से एक-एक पहलू पर की गई मुरादाबाद से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई जिन्होंने इस पूरी घटना की बेहद बारीकी से जांच की। कई हजार नंबरों को सर्विलांस पर लिया गया। इस दौरान कुछ वीडियो और ऑडियो भी सामने आए लेकिन यह सबूत पर्याप्त नहीं थे। अब पुलिस के हाथ एक मुख्य गवाह लगा है जो उस कमरे में उस वक्त मौजूद था जब यह घटना घटी। इसके गवाह के बयानों में बेहद चौंका देने वाली बात सामने आई है और आज पुलिस इस घटना का खुलासा करेगी।