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कैराना और नूरपुर में हार के बाद भाजपा सरकार गन्ना किसानों को देगी 7000 करोड़ का पैकेज

कैराना और नूरपुर उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद केंद्र सरकार अब किसानों के बारे में अहम फैसला ले सकती है।

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कैराना और नूरपुर में हार के बाद भाजपा सरकार का गन्ना किसानों को 7000 हजार करोड़ का तोहफा

सहारनपुर। कैराना और नूरपुर उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद केंद्र सरकार अब किसानों के बारे में अहम फैसला ले सकती है। जिसके बाद कहा जा रहा है कि सरकार से नाराज गन्ना किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने पहल कर सकती है। किसान नेताओं का कहना है कि उपचुनाव में हार मिलने के बाद अब सरकार किसानों के लिए काम करने को मजबूर है।

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ड्यूटी चार्ज में हो सकती है बढ़ौतरी

दरअसल, लंबे समय से नाराज चल रहे गन्ना किसानों के लिए केंद्र सरकार ने 7 हजार करोड़ रुपये के बेलआउट पैकेज का ऐलान कर सकती है। सरकार चीनी आयात पर लगने वाली ड्यूटी चार्ज को 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर सकती है। साथ ही चीनी के दाम न्यूनतम 30 रुपये प्रति किलोग्राम भी कर सकती है।

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कैबिनेट कमेटी की मीटिंग में हो सकता है फैसला

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को होने वाली आर्थिक मामलों कैबिनेट कमेटी की मीटिंग में लंबे समय से गन्ने का बकाया नहीं मिलने से नाराज किसानों को राहत देने के लिए अहम फैसला लिया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार किसानों के बकाये का भुगतान कराने के उपायों पर काम कर रही है और इसके तहत ही अब सरकार 7 हजार करोड़ रुपये के बेलआउट पैकेज की घोषणा कर सकती है।

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सरकार ने पहले भी सब्सिडी की घोषणा की

बता दें कि सरकार ने पिछले महीने ही गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए चीनी मिलों की मदद के लिए 15 सौ करोड़ रुपये की सब्सिडी की भी घोषणा की थी। वहीं बताया जा रहा है कि किसानों का बकाया नहीं चुकाने का कारण चीनी की कीमतों में तेजी से हुई कमी है। जिसके चलते है चीनी मिलों की आर्थिक हालत खस्ता हो गई।

यूपी के किसानों का 12 हजार करोड़ से अधिक बकाया

गौरतलब है कि गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों में सबसे ऊपर है। वहीं वेस्ट यूपी समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।

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कैराना और नूरपुर में हार का असर

भारतीय किसान यूनियन के रवि यादव ने बताया कि भाजपा सरकार ने वादा किया था कि वह किसानों के हितों में काम करेगी। लेकिन अभी तक भी गन्ना किसान अपने बकाया को दर-दर भटक रहे हैं। पर अब जिस तरह भाजपा को कैराना और नूरपुर में हार का सामना करना पड़ा तो सरकार को ने किसानों के हित में सोचा।