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टीवी डिबेट में मौलवी को थप्पड़ मारने वाली महिला ने अपनाया क्षत्रीय धर्म

एक निजी टीवी चैनल के डिबेट शो के दौरान मौलवी से मारपीट के बाद राष्ट्रीय स्तर पर हुई थी चर्चित    

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Farah faiz

टीवी डिबेट में मौलवी को थप्पड़ मारने वाली महिला ने अपना क्षत्रीय धर्म

देवबंद. टीवी डिबेट में एक मौलवी के साथ मारपीट के बाद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुई सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फराह फैज उर्फ लक्ष्मी वर्मा ने रविवार को देवबंद में फिर से अपने पूर्वजों का धर्म अपनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज क्षत्रीय थे, लिहाजा मैं फिर से अपने पूर्वजों के धर्म में वापस आ गई हूं। इस मौके पर देवबंद में भाजपा नेताओं और क्षत्रीय समाज के लोगों ने उन्हें पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने दरुल उलूम और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खिलाफ जमकर जहर उगला। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल-लॉ-बोर्ड को दारुल उलूम का प्रोडक्ट बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश शरीयत से नहीं, संविधान से चलेगा।

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देवबंद भाजपा नगराध्यक्ष के निवास पर प्रेस वार्ता करते हुए सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फराह फैज दारुल उलूम और उलेमा को लेकर काफी नाराज नजर आई । उन्होंने उलेमा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह शरीयत के नाम पर मुस्लिम महिलाओं का हक मार रहे हैं। अधिवक्ता फरह फैज ने कहा कि देश में जबरन शरीयत थोपने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल-लॉ-बोर्ड को भी अपने निशाने पर लेते हुए कहा कि वह दारुल उलूम का एक प्रोडक्ट मात्र है। उन्होंने कहा कि दारुल उलूम के तलबा ने ही उन पर ट्रेन में हमला किया था और उनकी याचिका के बाद ही दारुल उलूम को नोटिस भेजा गया था।

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उन्होंने कहा कि वह अपने हमलावरों के खिलाफ इंसाफ मिलने तक वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगी। अधिवक्ता फराह फैज ने दारुल उलूम के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा कि उसकी विचारधारा के मदरसे आतंक की शक्षिा देते हैं। फैज ने कहा कि दारुल उलूम में इस्लामी शक्षिा के नाम पर छात्रों के 15/20 साल खराब किए जा रहे हैं, जबकि यहां से मिलने वाली डिग्री से सरकारी नौकरी भी नहीं मिल सकती। फैज ने केंद्र सरकार के तीन तलाक के नर्णिय पर कहा कि इससे मुस्लिम समाज का भला होगा। उन्होंने कहा कि देश के मुस्लिम समाज को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं है। तीन तलाक पर जल्द से जल्द इसी कानून को चाहता है। उन्होंने कहा कि कटरपंथी लोग नहीं चाहते कि देश में तीन तलाक का बिल लागू हो, क्योंकि उन्हें डर है कि उनकी हलाला, चार-चार शादियां, तीन तलाक और फतवों की दुकानें बंद हो जाएंगी। वार्ता से पूर्व सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरह फैज को राजपूत समाज के लोगों ने पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया।