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दारुल उलूम देवबंद ने मदरसे में राजनीतिक दलों के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध, वजह जानकर आप भी करेंगे तारीफ

अब नेता नहीं कर सकेंगे इस तरह के दावे

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Darul uloom deoband

दारुल उलूम देवबंद ने मदरसे में राजनीतिक दलों के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध, वजह जानकर आप भी करेंगे तारीफ

देवबन्द. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए दारुल उलूम ने राजनीतिक दलों के नेताओं से दूरी बनाने का ऐलान किया है। दारुल उलूम के मोहतमिम अबुल कासिम नोमानी ने कहा कि चुनाव के समय में राजनीतिक दल के नेता आते हैं और मीडिया में जानकारी देते हैं कि दारुल उलूम ने उनका समर्थन किया है। इसी को देखते हुए यह प्रतिबन्ध लगाया गया है, जिसका समर्थन अन्य मदरसा संचालकों ने भी किया है।

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मदरसा शेखुलहिन्द के मोहतमिम मुफ़्ती असद कासमी ने कहा है कि दारुल उलूम के मोहतमिम अबुल कासिम नोमानी ने बताया है कि कोई भी सियासी पार्टी के नेता इस मौके पर दारुल उलूम आते हैं तो उनका एक ही मकसद होता है कि मीडिया के सामने पूरी दुनिया को दिखाया जाए की दारुल उलूम उनकी पार्टी के साथ है। हालांकि, दारुल उलूम देवबंद बार-बार इस बात को कहता आ रहा है कि दारुल उलूम देवबंद सियासी नहीं है। सियासत से दारुल उलूम देवबन्द का कोई संबंध नहीं है। दारुल उलूम सिर्फ शिक्षा का इदारा है तो उसका दूसरा मतलब निकाला जाता है।

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मीडिया में दिखाया जाता है कि यह बड़े-बड़े नेता दारुल उलूम गए हैं और दारुल उलूम उनका समर्थन करता है और उनके साथ में हैं। उसी को मद्देनजर रखते हुए मोहतमिम साहब ने यह ऐलान किया है कि हम किसी भी सियासी पार्टी या राजनेता से मुलाकात नहीं करेंगे, जिस तरह से पहले मुलाकात नहीं करते थे। इसी तरह अब की बार भी आगामी चुनाव में कसी सयासी लीडर से मुलाकात नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा है कि चुनाव के बाद कोई भी दारुल उलूम आए तो उनका इस्तकबाल (स्वागत) किया जाएगा, जो क एक अच्छा कदम है।